होली पर रेडिमेड गोबर से निर्मित चाकोली हार की मांग
पारंपारिक गोबर से निर्मित उत्पादों से मिल रहा रोजगार

अमरावती /दि.6– इस साल होली का त्यौहार 13 मार्च को मनाया जाएगा. होली पर्व पर आवश्यक रेडिमेड गोबर से निर्मित चाकोली हार की मांग बढ रही है. गोबर से निर्मित विविध आकृतियों की चाकोली हार से ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है. शहर में इसकी अधिक मांग है. शहर में 30 रुपए प्रति हार तथा खुली चाकोली 20 रुपए दर्जन के दाम में बेचे जा रहे है. ग्रामीण क्षेत्र सहित शहर में होलिका को गोबर से निर्मित चाकोली की माला बनाकर अर्पित की जाती है.
वर्तमान में शहरी क्षेत्र में गोबर उपलब्ध नहीं होता. इसलिए अब शहरवासियों को रेडिमेड चाकोली हार और होलिकास्ट बाजार में ही उपलब्ध हो रहे है. महिला आर्थिक विकास निगम (माविम) अमरावती के तहत पूनम महिला स्वयंसहायता समूह धारणी द्वारा भी चाकोली हार की निर्मिति की गई है. यह रेडिमेड माला और होलीकास्ट खरीदने की बाजार में होड मच रही है.
* महिलाओं को मिला रोजगार
मेलघाट में प्रचूर मात्रा में उपलब्ध गाय के गोबर से विविध उत्पाद बनाने की अभिनव पहल की गई है. इसके लिए विभिन्न आकारों के छोटे व बडे साचों का उपयोग किया जा रहा है. वर्तमान में होली त्यौहार के दौरान मेलघाट की महिलाएं विशेष साचों का उपयोग कर गाय के गोबर से चाकोली की विविध आकृतियां तैयार कर रही है. शहरी क्षेत्रों में इसकी अच्छी मांग है.
– पूजा गौरी,
पूनम महिला स्वयं सहायता समूह,
मांडवा, धारणी.
* रेडिमेड का चलन बढा
शहर में किसी के भी पास इतना समय नहीं है कि, वे घर में गोबर से चाकोली बना सके. ऐसे में रेडिमेड का चलन काफी बढ गया है. होली पर्व पर पारंपारिक गोबर से चाकोली हार, होलीकास्ट आदि रेडिमेड बाजार में उपलब्ध होने से शहरवासियों को सुविधा हुई है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी रेडिमेड उत्पादों की मांग बढने लगी है.
– पूजा साहित्य विक्रेता,
अंबादेवी मंदिर परिसर, अमरावती.