अमरावती के 949 ‘हेरीटेज’ पेडों के जतन करने की चुनौती
मामूली कारण से नागरिकों द्बारा तोडे जाते हैं वर्षो पुराने घने पेड
अमरावती/दि.23– शहर समेत गांव के मध्यवर्ती इलाके में, सडक किनारे, संस्था परिसर में स्थित दुर्लभ और वर्षो पुराने पेडों का महत्व लोगों को पता चले, उसका संरक्षण होने के लिए इन पेडों को ‘हेरीटेज’ दर्जा दिया गया है. शहर के ऐसे करीबन 949 पेडों के संवर्धन की चुनौती मनपा के सामने हैं.आरक्षित वनक्षेत्र के साथ ही निजी स्थलों पर और शहर में अनेक दुर्लभ पेड देखने मिलते है. इसमें के कुछ पेड 100 से 200 साल पुराने है. कुछ बरगद के पेड काफी फैले हुए है. अंग्रेजों ने विभिन्न देशों से कुछ विशेष पेड लाकर लगाए है. ऐसे अनेक पेड मनपा क्षेत्र में है. लेकिन इन पेडों का महत्व आम नागरिकों को पता नहीं रहता. अनेक बात मामूली कारण से ऐसे पेड तोड दिए जाते हैं. इस कारण इन पेडों को बचाने के लिए ‘हेरीटेज’ का दर्जा देने का निर्णय सरकार ने लिया था. जिन पेडों की आयु 50 वर्ष से अधिक है, ऐसे शहर के पेडों को ‘हेरीटेज’ श्रेणी में शामिल किया गया है. शासन के आदेश के मुताबिक गत वर्ष यह गणना मनपा के उद्यान विभाग के कर्मचारियों द्बारा की गई. उन्होंने पेडों की उंचाई, पेडों का घेराव, परिसर के नागरिकों की तरफ से मिली जानकारी के आधार पर शहर के विविध प्रजाति के ‘हेरीटेज’ पेडों की जानकारी लेकर उसकी संख्या निश्चित की, ऐसी जानकारी पर्यावरण विभाग द्बारा दी गई.
इस गणना में सर्वाधिक 470 कडवा नीम, 210 पीपल, 120 बरगद , 70 इमली, 17 उंबर तथा 10 शीसम के पेड पाए गये है. बडी संख्या में हो रही पेडों की कटाई रोकने के साथ उनके संरक्षण के लिए शासन द्बारा गणना करने के साथ 50 साल से अधिक आयु के पेडों को दर्ज करने के आदेश दिए. सडक किनारे स्थित पेड जलाना, रात के समय उसे तोडना, घर काम के लिए बिना अनुमति के बडे पेडों को जमींदोज करने की घटनाएं बढने से ही राशन को यह निर्णय लेना पडा, ऐसी जानकारी पर्यावरण विभाग द्बारा दी गई है. केंद्र सरकार के स्वच्छ वायु सर्वेक्षण स्पर्धा में 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में अमरावती ने 200 में से 194 अंक प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर पहला पुरस्कार प्राप्त किया है. हवा शुध्द रखने के लिए शहर में हरियाली महत्वपूर्ण मानी जाती है. अमरावती शहर में पेडों का प्रमाण अधिक रहने से प्रदूषण की तीव्रता कम होने का मत जानकारों का है. पिछले कुछ माह में शहर में ‘एक घर एक वृक्ष’ संकल्पना के मुताबिक 32 हजार पौधे लगाने की जानकारी मनपा की तरफ से दी गई है. लेकिन निर्माण कार्य में दुविधा साबित हो रहे बडे पेडों की कटाई की जा रही है. उसे रोकने की चुनौती मनपा प्रशासन के सामने है.