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चालो तो रमवाने, गरबो….

रास-गरबा की भव्य तैयारियां अंतिम चरण में

* 2 वर्ष बाद धूम से हो रहे आयोजन
* गरबा गीतों पर थिरकने तैयार युवा पीढी
* पंडालों, मैदानों की साजसज्जा
* देवी भक्तों में अपार उत्साह
अमरावती/दि.24 – शारदीय नवरात्री उत्सव के लिए देवी के शहर के रुप में विख्यात अंबानगरी सज संवर गई हैं. 2 वर्ष कोरोना पाबंदियों से बेजार रहे रास-गरबा प्रेमियों का तो इस बार उत्साह उफान पर नजर आ रहा हैं. नगर मेें 2 दर्जन से अधिक स्थानों पर गरबा-रास के आयोजन की भव्य तैयारी हो गई हैं. महिलाएं भी सजने-संवरने के साजो सामान की खरीददारी में व्यस्त है, तो दूसरी ओर अंबादेवी और एकवीरा देवी जैसे संस्थान नवरात्रोत्सव के लिए तैयार हो गये हैं. इस बार मेला भी सजने वाला हैं.
* इन स्थानों पर सजेंगा गरबा-रास
नवरात्रि में गरबा-रास की बडी महत्ता मानी जाती हैं. मैदान के बीच माता रानी की तस्वीर-प्रतिमा और गरबी रखकर उसकी आराधना का एक स्वरुप गरबा-रास को माना जाता हैं. अंबानगरी में समय के साथ-साथ रास-गरबा प्रेमियों की बहुतायत हैं. सभी जाति वर्ग के लोग गरबा-रास में उत्साह और श्रद्धा से सहभागी होते आये हैं. इसीलिए नगर में पुरातन पारंपारिक बस्तियों के साथ-साथ नये बसें नगरों-कालोनी और होटल के लॉन तथा मैदानों पर भी गरबा-रास का आयोजन हो रहा हैं. कालाराम मंदिर सराफा परिसर में सक्करसाथ गुजराती नवरात्रि महोत्सव मंडल, भक्तिधाम में जलाराम सत्संग मंडल, रेल्वे स्टेशन चौक पर गुजराती मंडल, उजंबावाडी अंबापेठ में सोरठिया समाज, एकनाथपुरम शंकर नगर में दिनेश भाई सेठिया और मित्र मंडली, कैम्प गर्ल्स हाईस्कूल चौक में जीवन-मनभरी द्बारा, होटल ग्रैंड महफिल के बंधन लॉन में सागर भट्टी और साथी, गोपाल नगर के पास, वाईट हाउस में रोटरी क्लब द्बारा और पन्नालाल नगर में मिलिंद बांबल तथा साथियों द्बारा गरबा-रास का आयोजन किया गया हैं. मानसरोवर लॉन में भी गरबा-रास के लिए तैयारी पूरी हो गई हैं.
* 26 सितंबर से जगमग होगी रात्रि
नवरात्रि के दौरान भक्तिभाव के साथ शक्ति की आराधना होती हैं. साधना का ही एक स्वरुप गरबा-रास माना जाता हैं. इसलिए परसों 26 सितंबर को घटस्थापना के साथ नवरात्रि आरंभ होगी. इस दौरान देर रात तक गरबा-रास के माध्यम से देवी की पूजा, प्रार्थना, अर्चना होगी. जिससे रातें जगमग हो जाएगी. नगर के अनेक भागों में गरबा-रास होने और एक स्थान से दूसरे स्थान पर गरबा प्रेमियों के आने-जाने से भी चहल-पहल का चित्र होगा. गरबा-रास के मंडलों के पास खानपान के स्टॉल भी सजते और देर रात तक ग्राहकी करते हैं. वे लोग भी नवरात्रि की ग्राहकी की तैयारी में जुटे हैं.
* बडे प्रमाण में तैयारी
कोरोना की पाबंदियों के कारण 2 वर्ष रास-गरबा के प्रेमी मन मसोसकर रह गये थे. इस बार शिंदे-फडणवीस सरकार ने सभी पाबंदियों से मुक्ति देने तथा धूम से उत्सव मनाने की अनुमति दे दी हैं. इस वजह से नवरात्रोत्सव के साथ-साथ दुर्गोत्सव की जोरदार तैयारी चहूंओर चल रही हैं. मैदानों में पंडाल आच्छादन और साजसज्जा शुरु हो गई हैं. ऐसे ही गरबा प्रेमियों की चाह है कि, पुलिस प्रशासन देर रात्रि तक गरबा-रास की अनुमति दें.

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