मुंबई/दि.7- राज्य में कोविड वायरस के ओमिक्रॉन वेरीयंट के खतरे को देखते हुए शालाओं को खोलने का निर्णय एक बार फिर आगे टल सकता है और जिन शालाओं को विगत 1 दिसंबर से खोल दिया गया है, उन्हें भी बंद कराया जा सकता है. इस आशय के संकेत खुद राज्य के शालेय शिक्षा विभाग द्वारा गत रोज दिये गये शालेय शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड द्वारा कहा गया कि, नये वेरीयंट के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन द्वारा अपने स्तर पर समीक्षा करने के बाद शालाओं को खोलने के संदर्भ में नये आदेश जारी किये जायेंगे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, शालाओं को खोलते समय विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता दी जायेगी तथा हालात की समीक्षा एवं संभावित खतरे का आकलन करते हुए शालाएं खोली जायेगी. इससे यह स्पष्ट है कि, जिन शालाओं को आगामी 15 दिसंबर से खोलने की तैयारी की गई थी, उन्हें खोलने का फैसला आगे टल सकता है. वहीं जो शालाएं विगत 1 दिसंबर से खोल दी गई है, उन्हें खुला रखने के फैसले पर पुर्नविचार किया जा सकता है.
बता दें कि, मुंबई व पुणे में ओमिक्रॉन वेरीयंट से संक्रमित मरीज पाये जाने के बाद चहुंओर इस महामारी को लेकर एक बार फिर भय व चिंता का माहौल है. साथ ही संक्रमण को रोकने हेतु नये सिरे से कुछ प्रतिबंध लागू करने के संकेत स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे द्वारा दिये गये है. जिसके चलते लोगों की चिंताएं और भी अधिक बढ गई है.
* फिलहाल कोई नये प्रतिबंध नहीं, सभी शालाओं को शुरू करो
– स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने दिया स्पष्टीकरण
वहीं दूसरी ओर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि, नये वेरीयंट के संक्रमण को लेकर राज्य सरकार पूरी तरह से सतर्क है और फिलहाल एकदम से प्रतिबंध लगाना लोगों के लिए काफी तकलीफदेह साबित हो सकता है. जिसके चलते फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं लगाये जा रहे. अत: राज्य में सभी शालाओं को खोला जा सकता है. वहीं आगामी समय में हालात पर नजर रखते हुए टास्क फोर्स व मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में आवश्यक निर्णय लिये जायेंगे. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, इस समय राज्य में जिनोम सिक्वेंसिंग की टेस्ट हेतु 3 प्रयोगशालाएं है और संक्रमितों की बढती संख्या के मद्देनजर औरंगाबाद व नागपुर में नई प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव भी है. जिसके लिए राज्य के टास्कफोर्स एवं केंद्र सरकार से आवश्यक निधी की मांग की जायेगी.
* विवाह समारोह व सभाओं में बढती भीडभाड चिंता का विषय
– टास्कफोर्स के प्रमुख डॉ. संजय ओक का कथन
वहीं राज्य टास्कफोर्स के प्रमुख डॉ. संजय ओक ने कोविड महामारी के एक बार फिर बढते खतरे के मद्देनजर कहा है कि, इन दिनों विवाह समारोहों सहित विभिन्न सभाओं व सम्मेलनों में काफी भीडभाडवाला माहौल दिखाई देने लगा है. यह अपने आप में बेहद चिंताजनक व खतरनाक स्थिति है. अत: इसे लेकर कडे प्रतिबंध लागू करने पर गंभीरतापूर्वक विचार किये जाने की सख्त जरूरत है. डॉ. ओक के मुताबिक कोविड वायरस के ओमिक्रॉन नामक नये वेरीयंट के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है और वह एक ही रात में पूरे राज्य को अपनी चपेट में ले सकता है. अत: इस वायरस के संक्रमण से बचे रहने तथा महामारी के फैलाव को टालने हेतु कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों पर प्रभावी अमल करना बेहद जरूरी है. डॉ. ओक के मुूताबिक निदरलैण्ड व जर्मनी जैसे देशों में दो दिन के दौरान ओमिक्रॉन वेरियंट का संक्रमण हर ओर फैल गया. इससे इस वायरस के संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा लगाया जा सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, इस समय यद्यपि भारत में पाये गये ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज विदेशों से लौटे है, किंतु कर्नाटक के एक डॉक्टर का विदेश यात्रा से कोई संबंध नहीं रहने के बावजूद वे इस संक्रमण की चपेट में आये. जिसका सीधा मतलब है कि, वे विदेश से लौटे किसी व्यक्ति के संपर्क में आकर संक्रमित हुए है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, इस महामारी के संक्रमण से बचे रहने हेतु हर किसी ने अनिवार्य तौर पर मास्क व सैनिटाईजर का प्रयोग करना चाहिए. साथ ही सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करते हुए भीडभाडवाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए.