अमरावतीमुख्य समाचार

22 अप्रैल से हडताल खत्म होने की संभावना

‘तभी’ काम पर लौटेंगे : एसटी कर्मचारी

* महामंडल से हमीपत्र मांगा
अमरावती/ दि.9– राज्य परिवहन महामंडल के कर्मचारी तुरंत काम पर लौटने तैयार है, लेकिन उससे पहले राज्य परिवहन महामंडल व्दारा हमें कोर्ट के आदेशानुसार सुविधा देने का हमीपत्र मिलना चाहिए. रापनि व्दारा वैसा हमीपत्र मिलते ही एसटी कर्मचारी अपनी हडताल खत्म कर काम पर लौट आएंगे ऐसी जानकारी आंदोलक एसटी कर्मचारी सतीश कडू ने दै. अमरावती मंडल को दी. उन्होंने बताया कि, 22 अप्रैल तक संबंधित हमीपत्र देने की प्रक्रिया महामंडल व्दारा पूर्ण करनी चाहिए. जिस वक्त यह हमीपत्र मिल जाएगा उसी समय सभी कर्मचारी हडताल खत्म कर काम पर लौट जाएंगे.
वर्तमान में अमरावती जिले में केवल 85 चालकों के माध्यम से एसटी बसेस चलायी जा रही है. जिससे बसेस की 1 हजार से अधिक फेरियां रद्द हो गई है. केवल 500 फेरियों पर महामंडल की सेवा सिमित रह गई है. इसलिए सभी कर्मचारियों से वापिस काम पर लौटने का अनुरोध एसटी महामंडल प्रशासन व्दारा किया जा रहा है. वहीं अब तक जो कर्मचारी काम पर लौटे है उनके ही भरोसे पर बसेस की फेरियां चलायी जा रही है. कम बसेस के कारण जिले के कई ग्रामीण इलाके ऐसे है जहां पर लालपरी की पहुंच बंद पड गई है. जिससे लोगों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड रहा है.
राज्य परिवहन महामंडल के जो कर्मचारी काम पर लौटे है उनमें 85 चालक है, जो डेली 500 फेरियां लगा रहे है. अब तक 55 सेवा बर्खास्त कर्मचारी काम पर लौटे है. लेकिन अभी भी 1200 कर्मचारी हडताल पर है. जिससे राज्य परिवहन की बसेस का नियोजन गडबडा गया है. ऐसा एसटी के विभागीय नियंत्रक श्रीकांत गभने ने बताया.

* यात्रियों का टिकट काटने कोई नहीं
विगत छह महीने से जारी एसटी कर्मियों की हडताल अभी भी शुरु ही है. इनमें से जो कर्मचारी काम पर लौटे है उनमें चालकों का समावेश है, इसलिए प्रत्येक बस में केवल चालक के सहारे ही बस छोडी जा रही है. कुछ चालकों को ठेका पद्धति पर नियुक्त किया गया है. लेकिन वाहकों की नियुक्ति को लेकर किसी भी प्रकार के आदेश नहीं रहने से जो वाहनचालक काम पर लौटे है उन्हें ही बतौर वाहक बस पर भेजा जा रहा है. वर्तमान में एसटी महामंडल के पास बसें चलाने के लिए चालक तो है, लेकिन यात्रियों का टिकट काटने के लिए वाहक ही नहीं है. आगामी दिनों में वाहकों की व्यवस्था करने के नियोजन पर काम शुरु है.

Related Articles

Back to top button