* अगली बार 2047 में दिखेगा
अमरावती/ दि. 25- फिलहाल पश्चिम आकाश में एक सुंदर खगोलीय खेल चल रहा है. सूर्यास्त पश्चात अतिशय तेजस्वी शुक्र सहज ध्यान खींच रहा है. उसके उपर कुछ अंतर पर गुरू भी तुरंत दिखाई पड रहा है. देखा जाए तो शुक्र इतना तेजस्वी है कि सूर्य आकाश में रहने पर भी वह दिखाई देता है. थोडा प्रयत्न कर देखे तो एक अलग आनंद मिलेगा. शुक्र अपने आकाश में सूर्य, चंद्र के नीचे तेजस्वी ग्रह है.
25,26,27 फरवरी को सूर्यास्त पश्चात गुरू, शुक्र दिखाई देगा. उनके बीच अंतर रोज कम हो जायेगा. यह दृश्य देखना अद्भुत रहेगा.
इसी दौरान चंद्र, शुक्र, गुरू दोनों को पीछे धकेल कर मंंगल की दिशा में बढता नजर आयेगा.
28 फरवरी को विज्ञान दिवस है. इसी दिन चंद्र-मंगल की युति है. अर्थात मंगल कुछ समय के लिए चंद्र के पीछे चला जायेगा. भारत से चंद्र- मंगल की युति नजर आयेगी. 1, 2 मार्च को संपूर्ण विश्व में अनेक लोग गुरू- शुक्र युति का अनुभव करेंगे. यह बेहद दुर्लभ दृश्य होगा. इसके बाद ऐसा दृश्य 24 वर्षो बाद अर्थात 2047 में देखने मिलेगा. इसलिए सहपरिवार खगोलीय घटना को अवश्य देखने का आग्रह एड. मनीष अशोक राय ने किया है.