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प्रशासन द्वारा प्रतिबंधात्मक उपाय करना हो गया जरूरी
अमरावती प्रतिनिधि/दि.३० – यूं तो नदियों को जीवनदाहीनी कहा जाता है. लेकिन विगत कुछ समय से अमरावती जिले की सबसे बडी चंद्रभागा नदी बडे पैमाने पर लोगोें की जिंदगीया लील रही है. हालांकि इसमें गलती नदी की कम और लोगों की अधिक है, क्योकि इस समय लगातार जारी बारिश और बांध से छोडे जानेवाले पानी की वजह से नदी में जलस्तर बढा हुआ है. बावजूद इसके लोगबाग नदी में नहाने और तैरने के लिए उतर रहे है, लेकिन ऐसा करना उनकी जिंदगी पर भारी पड रहा है. बता दें कि, बीते तीन दिनों के दौरान चंद्रभागा नदी में ७, और पूर्णा नदी में १ व्यक्ति की बहने और डूब जाने की वजह से मौत हुई.
इसमें भी यह सर्वाधिक उल्लेखनीय है कि, दो हादसे तो उस समय हुए, जब दो अलग-अलग परिवार जिले में दो अलग-अलग स्थानों पर अधिकमास रहने के चलते चंद्रभागा नदी के किनारे पूजा-अर्चना करने गये थे और इन परिवारों के कुछ सदस्य बाढ के पानी की चपेट में आकर बह जाने की वजह से मारे गये. विगत रविवार को धामणगांव रेल्वे तहसील अंतर्गत निंभोर राज गांव में अधिकमास के निमित्त पूजा-अर्चना करने गयी एक महिला सहित तीन बच्चों की डूब जाने की वजह से मौत हुई. वहीं दो महिलाएं बाल-बाल बच गयी. वहीं गत रोज अचलपुर तहसील अंतर्गत निंभोर गांव से होकर बहनेवाली चंद्रभागा नदी में कोल्हा गांव निवासी अमोल रमेश गोले (४०) व आर्यन अमोल गोले (१२) नामक पिता-पुत्र की डूब जाने की वजह से मौत हुई. इस समय अमोल कोल्हे की पत्नी व बेटी नदी किनारे खडे थे और उन्होंने यह हादसा अपनी आंखों के सामने घटित होता देखा, लेकिन वे इन दोनोें पिता-पुत्र को बचाने के लिए कुछ भी नहीं कर पाये.
वहीं दूसरी ओर रविवार की शाम दर्यापुर तहसील अंतर्गत नरदोडा गांव से होकर बहनेवाली चंद्रभागा नदी में प्रथमेश विजय काले नामक १७ वर्षीय युवक बह गया. जिसके बाद उसकी लाश सोमवार को बरामद हो पायी. इसके साथ ही दर्यापुर तहसील के उपराई गांव निवासी अमन खंडारे नामक १७ वर्षीय युवक की पूर्णा नदी में तैरने हेतु उतरने पर डूब जाने की वजह से मौत हो गयी. उल्लेखनीय है कि, इस बार वरून देवता की कृपा से चहुंओर झमाझम बारिश हुई है और इस समय सभी नदी-नालों का जलस्तर जबर्दस्त ढंग से बढा हुआ है. ऐसे में नदी किनारे रहनेवाले गांव के लोगों, विशेषकर युवाओं के भीतर नदी में उतरकर नहाने व तैरने की इच्छा उत्पन्न होती है. लेकिन कई बार पानी की गहराई का अंदाजा नहीें आने की वजह से यह इच्छा ही उनकी मौत की वजह बनती है. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि, गांव से लगकर मौजूद नदी-घाटों पर प्रतिबंधात्मक उपाय किये जाये और नदी-नालों में उतरकर तैरने पर प्रतिबंध लगाया जाये, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके.