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हमलावरों पर कार्रवाई नहीं कर रही चांदूर रेल्वे पुलिस

4 पीडितों ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप

अमरावती/दि.24 – चांदूर रेल्वे तहसील अंतर्गत चांदूर रेल्वे व तरोडा निवासी 4 लोगों ने आज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में आरोप लगाया कि, विगत 15 मार्च को सुबह 9 बजे जब वे तरोडा स्थित अपने खेत ेमें काम कर रहे थे, तो तरोडा गांव में रहने वाले 15 लोगों ने उन पर जानलेवा हमला किया. किंतु पुलिस इस मामले में उनकी शिकायत नहीं सुन रही, बल्कि हमलावरों की शिकायत के आधार पर उल्टे उनके ही खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किया गया है. अत: उन्हें इस मामले में इंसाफ मिलना चाहिए.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कम्पाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में तरोडा निवासी प्रगशील पवार व अंकुश पवार तथा चांदूर रेल्वे निवासी सागर पवार व राहुल भोसले ने बताया कि, वे बासलापुर फाटे से 3 किमी की दूरी पर स्थित तरोडा गांव में खेती किसानी का काम करते है और तरोडा गांव में उनके भाई की बेटी का विवाह हुआ है. उनके बीच आपसी पारिवारिक विवाद चल रहा है. जिससे उनका कोई लेना देना नहीं है. लेकिन 15 मार्च की सुबह 9 बजे तरोडा के सरपंच सुरेंद्र पवार सहित कार्तिक पवार, रुतेश भोसले, आकाश भोसले, मनोज पवार, चंदर पवार, ऋषि पवार, रोहन पवार, बबीता पवार, सीमा पवार व सोनया भोसले सहित अन्य 4 लोगों ने अचानक ही उन पर लाठी व लोहे के धारदार हथियार लेकर जानलेवा हमला किया. इस समय तरोडा के सरपंच सुरेंद्र पवार बार-बार यह कह रहा था कि, सबको मारकर तालाब में फेंक दो, मैं सबको संभाल लूंगा, इस जानलेवा हमले में चारो लोग बुरी तरह घायल हो गए और मदद के लिए चिखपुकार मचाने लगे. लेकिन कोई भी उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया. वहीं डायल 112 पर संपर्क करने के बाद एक-डेढ घंटे पश्चात पुलिस मौके पर पहुंची. तब तक सभी हमलावर भाग गए थे. इस समय पुलिस ने शिकायत दर्ज करने की बजाय सभी घायलों को चांदूर रेल्वे के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां से उन्हें जिला सामान्य अस्पताल में रेफर कर दिया गया. लेकिन किसी भी घायल का बयान दर्ज नहीं किया गया. बल्कि जिस समय उनका इलाज चल रहा था, उसी दौरान हमलावरों द्बारा दी गई झूठी शिकायत के आधार पर अपराध दर्ज करते हुए 2 घायलों की गिरफ्तार भी कर लिया गया. जिसकी वजह से वे लोग काफी दहशत में है और अपना गांव व खेतीबाडी छोडने की मानसिकता में पहुंच चुके है. अत: इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए उन्हें न्याय दिलाया जाना चाहिए, ऐसी मांग इस पत्रवार्ता में उठाई गई.

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