अमरावती

चांदुरबाजार बस स्थानक बना लव्हर पॉईंट

आये दिन होते है छोटे -मोटे विवाद

पुलिस कर्मीयो का तैनाती आवश्यक
शाम होते ही सजती है नशेडीयों की महफिले
चांदूर बाजार /दि.9- चांदुरबाजार बस स्थानक हमेशा से ही समस्याओं में घिरा नजर आया है. लंबे समय से यहां बसो की कमी और प्रवासीयो सहीत विद्यार्थीयों को होने वाली जैसी अनेकों समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. लेकिन एक ओर गंभीर मसला पिछले लंबे समय से यहां बना हुआ हैं.
बता दे कि, शहर में ग्रामिण भागो से हजारो विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करणे हेतु यहां आते है. स्थानिय बस स्थानक हमेशा छात्राओ के साथ-साथ महिलाओं से भरा नजर आता हैं. ऐसे में बस स्थानक परिसर में चहुँ ओर मनचले और रोमीयों मंडराते हुये नजर आते हेै. यह बात तो साफ है कि, मौजुदा समय में युवा पिढी में हिरोगिरी और भाईगिरी का जुनुन सर चढकर बोल रहा है. भाईगिरी और हिरोगिरी करते हुए शहर के सैकडो मनचले बसस्थानक परिसर में देखे जा सकते है. जिसके कारण छात्राए ं और महिलाए कई मामलो में अपने आपको असुरक्षित महसुस करती है. इसी के साथ-साथ बस स्थानक परिसर में प्रेमीयुगल जगह-जगह देखने को मिलते हैं. इसके अलावा बस स्थानक परिसर में तेजरफ्तार दुपहिय्या वाहनो पर मनचलो की स्टंटबाजी भी जोर पकडती जा रही हैं. कई मामलो में नाबालिको के बिच छोटी-मोटी झडपे भी यहां देखने को मिलती हैं. विगत कुछ दिन पूर्व भी नाबालिको के बीच एक विवाद हुआ था जिसमें तेजधार चाकू भी देखने को मिला था. लेकिन कुछ जागृक प्रवासीयो द्वारा इस झडप को वही सुलझा दिया गया. लेकिन यहां यह स्पष्ट है कि अगर एैसी झडपो को ना रोका जाये तो यह बडी वारदात में तब्दील हो सकती हैं.
इन सब बातो से परे बस स्थानक के वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा परिसर की समस्याओं पर कोई नियंत्रण नही है. परिसर की सुरक्षा के लिये एक भी सुरक्षाकर्मी मौजुद नही रहता. वही दुसरी ओर बस स्थानक के बिलकुल सामने पुलिस स्टेशन के मौजुद है. लेकिन बावजुद इसके मनचले और रोमीयों में इसका कोई खौफ नही है. इन सभी बातो को ध्यान मे रखते हुए पुलिस प्रशासन को चाहिए कि, हजारो प्रवासी संख्या वाले इस बस स्थानक पर पुलिस कर्मी तैनात करे ताकि मनचलो , जेंबकतरो, चिडीमारो पर अंकुश लग सके.
वही दुसरी ओर सारा दिन बस स्थानक चिडीमारो और रोमीयों से भरा पडा रहता है तो श्याम होते ही यहां नशेडीयो का बसेरा बसता हैं. बस डिपो परिसर मे ंखुले आम शराब, गाजा, और सिगरेट की महफिले सजती हैं. रात के समय में भी कोई सुरक्षा कर्मी या पुलिस प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नही है. जिसके कारण बस स्थानक पुरी तरह नशेडीयो का ठिकाना बन चुका हैं. कुल मिलाकर यह कहना गलत नही होगा कि, बस स्थानक परिसर में बढ रही इस समस्या को आगार प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनो ही नजर अंदाजी कर इस गंभीर समस्याओं को बढावा देने का काम कर रहे हैं.जबकी समय रहते ही इस ओर ध्यान देना जरूरी है.

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