* हैप्पीनेस हब की ट्रेनर ने किया सभी को प्रभावित
अमरावती/दि.18- भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली ऋषि मुनियों के ज्ञान पर आधारित थी. जिससे यहां सदैव शूरवीर ही गुरुकुलों से निकलते जो किसी के कभी गुलाम नहीं हो सकते. इसलिए वैसी गुरुकुल प्रथा की शिक्षा पद्धति की आज पुनः आवश्यकता है. इस पद्धति में विद्यार्थी के प्रत्येक कलागुण और जीवन के सभी दृष्टिकोण को पढ़ाया-सिखाया जाता है. पोेेटे कॉलेज में काफी कुछ वैसा ही वातावरण देखने मिला. जिससे मन प्रसन्न है. देश को बदलने के लिए शिक्षा पद्धति बदलना आवश्यक है. यह बात विश्वविख्यात मोटीवेशनल ट्रेनर और हैप्पीनेस हब संस्था की संस्थापिका हिमानी चावड़ा ने आज दोपहर पोटे शिक्षा संस्थान में आयोजित टेकलॉन्स समारोह में मुख्य वक्ता के रुप में कही. व्यासपीठ पर संस्था के आधारस्तंभ रामचंद्र जी पोटे, अध्यक्ष प्रवीण पोटे पाटील, उपाध्यक्ष श्रेयस पोटे पाटील, सौ. अनुराधा पोटे, प्राचार्य डी.टी. इंगोेले और अन्य मान्यवर विराजमान थे.
* अंग्रेजों ने थोपी शिक्षा पद्धति
हिमानी चावड़ा ने लार्ड मैकाले की चिट्ठी उपस्थितों को स्लाईड के जरिए दिखलाकर दावा किया कि भारत को पराधीन करने के लिए मैकाले ने ब्रिटिश सरकार को यहां की गुरुकुल तथा ऋषि आश्रम आधारित शिक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने की सलाह दी थी और मैकाले की शिक्षा पद्धति भारत पर थोपी गई. जिसके कारण अलग मानसिकता के लोग दशकों तक तैयार होते रहे. जबकि हमारी अपनी गुरुकुल शिक्षा पद्धति जीवन के सभी पहलूओं की बेहतरीन शिक्षा और छात्र के कला गुणों एवं रुचि को देखकर शिक्षित करने का बल रखती है. देश को बदलने के लिए एजूकेशन सिस्टम को बदलने की आवश्यकता पर जोर देते हुए युवा ट्रेनर ने कहा कि मोदी जी उन्हें अवसर दे तो वे प्राचीन शिक्षा प्रणाली को अपनाने का प्रयत्न करना चाहेंगी.
* खुश रहने और खुशी बांटने
अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता हिमानी चावड़ा ने अपनी बात को मछली, बाघ, चीता के उदाहरण से बहुत प्रभावी अंदाज में समझाया. उन्होंने उदाहरणों के साथ और बड़े दिलचस्प रुप से स्वामी विवेकानंद भव्य सभागार में उपस्थित प्रत्येक को अपने साथ जोड़ लिया था. हर कोई मंत्रवत उनकी प्रत्येक बात और हावभाव का अनुसरण करने लगा. इस अंदाज में उन्होंने खुश रहने और खुशी बांटने की ट्रेनिंग दी.
* कौए की कहानी
सभागार में पोटे शिक्षा संस्थान के सभी छोटे-बड़े विद्यार्थी, पालक वर्ग और शहर के गणमान्य के साथ ही हिमानी चावड़ा के पिता विजय सिंह चावड़ा भी उपस्थित थे. हिमानी ने कौए की कहानी से सभी को सीख लेने कहा. अपने गुणों को विकसित करने की सलाह बड़े मजेदार अंदाज में दी. उन्होंने कहा कि मजदूर, मोदी, मुकेश अंबानी सभी के जीवन में मुश्किलें हैं, किन्तु मुस्कुराहट से मुश्किलें दूर हो जाती है. 5 सेकंद की मुस्कुराहट से फोटो अच्छी आती है तो इसी मुस्कुराहट से जिंदगी भी बेहतरीन बन जाएगी. उन्होंने कहा कि हर सफल इंसान को खुश रहते नहीं देखा. किन्तु हर खुश मिजाज इंसान को सफल होते जरुर देखा है. बिना वजह खुश रहेंगे तो हमेशा प्रसन्न रहेंगे. अपना भी एक दिन आएगा. यह सोचेंगे तो वह दिन कभी नहीं आएगा. खुद को ढूंढने और डेवलप करने की सलाह हिमानी ने करीब डेढ़ घंटे के शानदार संबोधन में दी.
छात्रों को जो चाहिए,वह देते- पोटे
अध्यक्ष प्रवीण पोेटे ने कहा कि उनके संस्थान में विद्यार्थियों को जो चाहिए, वह दिया जाता है. इसलिए दूसरे संस्थानों में जहां सीटें खाली रहती है, उनके यहां एडमिशन के लिए लाईन लगती है. पोटे ने नपे-तुले संबोधन में अब तक देश-विदेश के विशिष्ट हस्तियों को कॉलेज में संबोधन के लिए लाने का उल्लेख किया. यह सूची डॉ. अब्दुल कलाम से लेकर सिद्धू और केसकर, किरण बेदी तक है. पोटे ने कहा कि विद्यार्थियों की अपेक्षानुसार 24 जनवरी को रॉक बैंड का कार्यक्रम भी रखा गया है.
हिमानी चावड़ा का स्वागत पोटे कॉलेज में विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई रोबो ने पौधा देकर किया. संचालन छात्र-छात्राओं ने किया. अतिथि परिचय ईश्वरी खांडे ने करवाया. हिमानी चावड़ा दो वर्ष तक रिलायन्स और बिरला जैसी अग्रणी कंपनियों में बतौर प्रबंधक प्रभाव छोड़ चुकी हैं.