अमरावतीमहाराष्ट्र

आधुनिक दौर में मेहंदी का बदला ट्रेंड

राजस्थानी, मारवाडी मेहंदी को सबसे ज्यादा डिमांड

* परंपरा कायम, व्यवसाय के लिए अच्छे दिन
अमरावती/दि.30– विवाह से पहले मेंहदी उतारने का चलन अब बदल गया है. मेंहदी की वजह से विवाह से पहले ही दूल्हा-दुल्हन के हाथों में तस्वीर नजर आने लगी है. सगाई के दौरान हाथों और पैरों पर मेंहदी लगाने की भारतीय परंपरा है. बदलते समय के साथ मेंहदी के विषय और उसे रचने की तकनीक भी बदल गई है. पहले के समय में मेहंदी के पत्ती पीसकर हाथों में लगाई जाने वाली मेहंदी अब कृत्रिम तरीके से तैयार की जा रही है. मेहंदी ज्यादा समय तक टिकी रहे, अच्छा रंग चढे इसके लिए इसमें अलग-अलग घटक भी मिलाए जाते है. हाथ-पैर पर निकाले जाने वाले डिजाइन्स नववधू को आकर्षित करते है. हिंदू संस्कृति में विवाह समारोह में मेहंदी विशेष महत्व होता है. यह परंपरा प्राचीन होकर बरसों से चली आ रही है.

* पोर्ट्रेट मेहंदी क्या है?
-हाथों पर कोहनियों तक, तथा पैरों पर इसे घुटनों तक मेहंदी निकाली जाती है. दिवाली और शादी जैसे बड़े त्योहारों पर महिलाएं, लड़कियां पोर्ट्रेट मेंहदी लगाना पसंद करती हैं.
-एक बार निकाली हुई मेहंदी 8 से 15 दिनों तक टिकी रहती है. हाथों और पैरों पर चित्रस्वरूप में निकाली जाने वाली मेहंदी को पोट्रेट मेहंदी कहा जाता है.

* मेहंदी निकालने का कितना शुल्क?
अलग-अलग गांव, शहर के हिसाब से मेहंदी निकालने का शुल्क तय होता है. अमरावती में इसके लिए 3 से 4 हजार रुपए लिए हाते है. मेहंदी पेशेवरों की तकनीक के अनुसार शुल्क कम या ज्यादा होता है.

* कैसे लगाए जाती है मेहंदी?
-पोट्रेट मेहंदी निकालने के लिए घर पर तैयार की गई मेहंदी अथवा बाजार में मिलने वाली मेंहदी का उपयोग किया जाता है. पारंपरिक लोग घर पर तैयार मेहंदी पसंद करते हैं.
– मेहंदी आर्टिस्ट एक खास पद्धति का मेहंदी कोन तैयार करते है. बाजार में मिलने वाले कोन का उपयोग नहीं करते.

* मेंहदी व्यवसाय के लिए अच्छे दिन
मेहंदी आर्टिस्टों के मुताबिक विवाह समारोह में नववधू के हाथों और पैरों पर मेहंदी निकालने के लिए आठ घंटे तक का समय लगता है. तुकडा राजस्थानी अथवा मारवाडी, अरेबियन मेहंदी को ज्यादा डिमांड होती है. त्यौहारों व उत्सव की मेहंदी 15-20 मिनट में पूरी होती है. विवाह समारोह में बहुत ऑफर्स मिलते है.

Related Articles

Back to top button