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वक्फ कानून में बदलाव मुसलमानों के खून पसीने की कमाई हडपना

वक्फ कानून पर पत्रवार्ता में बोले मौलाना खालिद सैफुल्ला रहेमानी

अमरावती/दि.17- वक्फ का मायने सही मायने यानी अल्लाह, ईश्वर की राह में अपनी कमाई का कोई हिस्सा दान देना होता हैं. यह किसी की निजी संपत्ति नहीं होती. बल्कि अपने खून पसीने की कमाई को अल्लाह की राह में दान देना होता है और इस वक्फ कानून में सरकार व्दारा बदलाव लाना यानी लोगों की खून पसीने की कमाई को हडपना और पूंजीपतियों को बेचने का इरादा साफ छलकता हैं. जिसके हम सख्त खिलाफ हैं तथा यह कानून रद्द होने की आखरी स्थिती में हमारी लडाई जारी रहेगी. यह वक्तव्य प्रस्तुत किए मुुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना खालिद सैफुल्ला रहेमानी (हैदराबाद) ने वे यहां तहरीक उलेमा-ए-हिंद व्दारा आयोजित वलगांव रोड के करीब आयोजित पत्रवार्ता के दौरान बोल रहे थे. इस दौरान उनके साथ तहरीक उलेमा हिंद के मुफ्ती नदीम नदवी, शहर अध्यक्ष मौलाना मुजम्मिल इशाअती, मौलाना मुबश्शिर खान इशाअती, मौलाना रहेमत नदवी आदि मौजूद थे.
मौलाना खालिद रहेमानी ने पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि किसी दूसरे की मिलकियत वाली जगह को बेचना गलत हैं. जो वक्फ की जगह है वह सरकार की जगह नहीं है. हिंदूस्तान में बहुत सारी जगह औकाफ की हैं. मदरसे, मस्जिद, यतीम खाना यह किसी की निजी जगह नहीं होती. किसी जगह पर कोई व्यक्ति हाथ रख कर उसे अपनी नहीं कह सकता. यह सारी जगह औकाफ की हैं. अगर कोई धार्मिक स्थल बनाना हो तो उसके लिए जगह की जरुरत पडती हैं. हर समाज के व्यक्तियों को अपने धर्मानुसार धार्मिक स्थलों के लिए जमीन दी जाती हैं. वक्फ की जमीन मुसलमानों के खून पसीने की कमाई की जगह है. सरकार वक्फ कानून में बदलाव लाकर मुसलमानों के खून पसीने की कमाई हडपना चाहती हैं और यही पुंजीपतियों को बेचना चाहती हैं. वक्फ कानून में बदलाव का हम विरोध कर रहे है.ं
किसानों का कर्ज माफ नहीं
मौलाना खालिद ने कहा कि सरकार व्दारा वक्फ कानून में जो बदलाव लाया जा रहा हैं. वह मुसलमानों के हाथों उनकी हक की जमीनें निकल जाए. ऐसी कोशिश की जा रही हैं. जिसका हम विरोध कर रहे हैं. सरकार किसानों का कर्ज माफ नहीं कर रही हैं. वही दूसरी तरफ वक्फ की जमीन पूंजीपतियों को बेच रही हैं. जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
सिर्फ मुसलमान ही विरोध में नहीं
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना खालिद ने बताया कि वक्फ कानून में बदलाव के विरोध में सिर्फ मुसलमान ही नहीं बल्कि देश के इंसाफ पसंद लोग भी इस बदलवान के विरोध में है. उन्होंने कहा कि जम्हुरी मुल्क में आवाम की आवाज की किमत होती हैं. वक्त का मसला देश के मुसलमानों से जुडा हुआ हैं. इसके लिए आखरी हद तक कोशिश की जाएगी.
4 करोड से अधिक ईमेल पहुंचे
पत्रवार्ता में मौलाना खालिद ने बोलते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड कानून में सरकार व्दारा किए जा रहे कानून के विरोध में देश से लगबग 4 करोड से अधिक ई मेल पहुंचे हैं. इसके अलावा हम सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं से मिले हैं. जिसमें भाजपा तो क्या किसी भी पार्टी ने वक्फ बोर्ड के बारे में आवाज नहीं उठाई हैं. पत्रवार्ता के दौरान शहर महासचिव मुफ्ती नुरुलहसन नदवी, मौलाना रिज़वान नदवी, मीडिया प्रभारी सईद खान आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.

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