अमरावती/दि.2-जैन समाज के अनुसार वर्षायोग कलश स्थापना 13 जुलाई को और अन्य साधु संत तथा हिंदू धर्मावलंबियों द्बारा इसी माह में 10 से शुरू हो रहे चातुर्मास की तैयारी आरंभ हो गई है. हिंदू धर्म में चातुर्मास (चौमांस) एक विशेष आध्यात्मिक महत्व रहता है. देवश्यनी एकादशी 10 जुलाई से कार्तिक मांस की देवउठनी एकादशी 4 नवंबर तक चातुर्मास का समय ईश्वर आराधना के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है. आषाढ शुक्ल एकादशी तक चलनेवाले इस चौमास के दौरान ही हिंदुओं के अधिकतर प्रमुख त्यौहार आते है. नागपंचमी, गणेश चतुर्थी, पितृपक्ष, दशहरा, दीपावली के अलावा श्रावण सोमवार, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, ऐसे अनेक पर्व मनाए जाते है. इस बार 10 जुलाई से प्रारंभ हो रहे चौमास के तीसरे दिन हिंदुओं का प्रमुख आध्यात्मिक पर्व गुरू पूर्णिमा भी 13 जुलाई को मनाया जा रहा है. इन चौमास के चार माह में प्रत्येक सप्ताह में कोई न कोई त्यौहार अथवा पर्व मनाया जाता है.
शिव के आराधना के प्रसिध्द सावन मास भी इसी दौरान 29 जुलाई से शुरू हो रहा है. चौमास में देश की तरह क्षेत्र में साधु व संत प्रवास बंद रखते है. चार महिने एक ही स्थान पर रहते हुए ईश्वर की आराधना और विविध धार्मिक व्रतों का परिपालन करते है. हिंदू धर्म में सामान्यत: इन चार महिने एक ही स्थान पर रहते हुए ईश्वर की आराधना और विविध धार्मिक व्रतो का परिपालन करते है. हिंदू धर्म में सामान्यत: इन चार माह तक विवाह, उपनयन संस्कार, गृह प्रवेश जैसे सभी शुभ कार्यो का निषेध किया गया है.
2 वर्षो बाद उत्सव हर्षोल्लास से मनाया
सावन महिने की शुरूआत इस साल 29 जुलाई से हो रही है. इसके शुरूआत होते ही त्यौहारों की भी शुरूआत हो जाती है. गत दो वर्ष कोरोना का साया , डेल्टा वेरियंट व बढती महंगाई के चलते रहने से सभी उत्सव फीके रहे थे. लेकिन इस वर्ष कोरोना नियंत्रण में आने से पाबंदी भी हटायी गई है. कोरोना के संक्रमण के कारण गत डेढ वर्षो से आमजन आर्थिक संकट का सामना कर रहे है. अब सभी कारोबार पटरी पर आ रहे है. लेकिन इन दिनों बढती महंगाई के कारण आमजनो की कमर टूट गई है. लेकिन गत दो वर्षो से फीके रहनेवाले सभी त्यौहार उत्सव महंगाई के इस दौर में भी बडे उत्साह से खुशी से मनाए जाने का उत्साह लोगों में दिख रहा है.
* अगले चौमास में आनेवाले त्योहार
10 जुलाई को आषाढी एकादशी, 13 जुलाई को गुरू पूर्णिमा, 29 जुलाई को सावन मास प्रारंभ, 2 अगस्त को नाग पंचमी, 11 अगस्त को रक्षाबंधन, 16 अगस्त को पारवी न्यू ईसर, 19 अगस्त को जन्माष्टमी, 26 अगस्त को बैल पोला, 30 अगस्त को हरतालिका , 31 अगस्त को गणेशोत्सव व दसलक्षण पर्व प्रारंभ, 9 सितंबर को अनंत चर्तुदशी, 10 को भाद्रपद पूर्णिमा, 26 सितंबर के घटस्थापना, नवरात्रि प्रारभ, 5 अक्तूबर को दशहरा, 9 अक्तूबर को कोजागिरी पोर्णिमा, 13 अक्तूबर को करवा चौथ, 22 अक्तूबर को धनतेरस, 23 अक्तूबर को छोटी दिवाली, 24 अक्तूबर को महालक्ष्मी पूजन, 25 अक्तूबर को महावीर निर्वाण का समावेश है. इन त्यौहारों की रेलचेल रहेगी. इस चौमास में सभी का उत्साह देखते ही बनता है.
* जैन धर्मीय समाज में खुशी का माहौल
जिले के मालेगांव तहसील के अंतरिक्ष पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर संस्थान में इस बार वर्तमान में युग के श्रेष्ठ संत शिरोमणी आचार्य 108 विद्यासागर महाराज व उनके संघ के मुनि 108 चंद्रप्रभसागर महाराज, मुनि 108 निरामय सागर महाराज, ऐलक 105 सिध्दांतसागर महाराज का चौमास शिरपुर जैन में होने का लगभग तय हो चुका है. इस कारण से जैनियों में यह चौमास के डबल खुशी का माहौल रहेगा. चौमास में अपने भगवान की आराधना करने का योग्य समय रहता है. जिससे अब इस चौमास में जैन मंदिर के दर्शन, पूजा, आचार्य का प्रवचन, धार्मिक शिविरो का लाभ सकल जैन समाज का मिलेगा. जिसकी प्रतीक्षा जैन समाज के हर घर में की जा रही है.