चव्हाण व विंचुरकर की अंतरिम जमानत पर सोमवार हो सकता फैसला
कोतवाली पुलिस अदालत में पेश करेगी अपना पक्ष
* राजेंंद्र लॉज ढहने के कारण पांच लोगों की मौत का मामला
अमरावती/ दि.24 – सिटी कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र के प्रभात चौक स्थित राजेंद्र लॉज के निचले माले पर स्थित राजदीप कलेक्शन की छत ढह जाने के कारण मलबे में दबकर पांच बेगुनाह लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में मनपा के जोन नं.2 के उपअभियंता सुहास चव्हाण व शाखा अभियंता अजय विंचुरकर के खिलाफ कोतवाली पुलिस व्दारा अपराध दर्ज करने के पहले ही दोनों ने जिला अदालत में गिरफ्तारी से पूर्व अग्रीम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था. इस मामले की कल बुधवार के दिन सुनवाई होना था, परंतु सिटी कोतवाली पुलिस की ओर से अदालत में ‘स्टे’ दायर नहीं किया गया. जिसके कारण दोनों की अंतरिम जमानत टल गई. कोतवाली पुलिस ने अपना जवाब पेश करने के लिए अब रिपोर्ट तैयार कर ली है. जिससे सोमवार 28 नवंबर को चव्हाण और विंचुरकर की अग्रीम जमानत पर सुनवाई हो सकती है, ऐसी जानकारी चव्हाण व विंचुरकर की ओर से अदालत में जमानत के लिए आवेदन करने वाले एड. प्रशांत देशपांडे ने दी.
बता दें कि, बीते 30 अक्तूबर की दोपहर प्रभात चौक स्थित राजेंद्र लॉज के निचले माले की राजदीप कलेक्शन नामक दुकान का स्लैब ढह जाने के कारण उस मलबे में दबे पांच लोगों की मौत हो गई. इसके बाद सिटी कोतवाली पुलिस ने राजदीप कलेक्शन के संचालक, राजेंद्र लॉज के संचालक, मजदूरों के ठेकेदार पर अपराध दर्ज किया था. इस मामले की जांच शुुरु रहते समय ही महापालिका के उपअभियंता सुहास चव्हाण तथा शाखा अभियंता अजय विंचुरकर ने अचानक एक ही दिन मेडिकल छुट्टी लेकर अपने घर में ताला लगाकर कही रफ्फु-चक्कर हो गए. दोनों के मोबाइल भी पिछले 15 दिनों से बंद है. इस मामले से जुडी जानकारी पुलिस को उन दोनों अधिकारियों से लेना बहुत जरुरी था, मगर दोनों का कही पता नहीं चल रहा था.
इस दौरान उपअभियंता सुहास चव्हाण और शाखा अभियंता अजय विंचुरकर ने एड. प्रशांत देशपांडे के माध्यम से अदालत में बीते शुक्रवार को गिरफ्तारी से पूर्व अग्रीम जमानत के लिए आवेदन दायर किया. इसपर अदालत ने कल बुधवार 23 नवंबर के दिन सिटी कोतवाली पुलिस को अदालत में अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये थे, मगर कोतवाली पुलिस ने अदालत में अपना पक्ष नहीं रखा. जिसके कारण अदालत ने इस मामले की सुनवाई आगामी 28 नवंबर सोमवार के दिन निश्चित की है. जानकारी के अनुसार सिटी कोतवाली पुलिस ने अदालत में जवाब पेश करने के लिए फाईल पेश की है. अगर कोतवाली पुलिस अपना जवाब अदालत में पेश कर देती है, तो 28 नवंबर के दिन उपअभियंता सुहास चव्हाण और शाखा अभियंता अजय विंचुरकर की अंतरिम जमानत पर सुनवाई लेकर फैसला सुनाया जा सकता है, ऐसा भी दोनों के वकील प्रशांत देशपांडे ने बताया.
पुलिस आयुक्त से की शिकायत
ईमारत ढहने के मामले में मृत साईनगर निवासी रविंद्र परमार की पत्नी शिल्पी परमार ने पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह से मुलाकात कर सिटी कोतवाली पुलिस व्दारा मामले की तहकीकात में बरती जा रही खामिया पुलिस आयुक्त को गिनाई. इस मामले में दो दिन पहले ही रविंद्र परमार के भाई ने सिटी कोतवाली पुलिस थाने में इस मामले की जांच को लेकर पूछताछ करने गए थ. उस समय उपस्थित पुलिस अधिकारी ने उन्हें अपमानित किया. परमार की पत्नी ने पुलिस व्दारा खासतौर पर मनपा के अधिकारियों से अब तक किसी तरह के बयान दर्ज नहीं करने पर भी संदेह व्यक्त किया है.पूरा मामला सुनने के बाद पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह ने इस मामले में उचित निर्देश देने का आश्वासन परमार की पत्नी शिल्पी परमार को दिये हेै.