अमरावती

अमरावती में सस्ते घर होंगे उपलब्ध!

एकात्मिक विकास नियमावली से मनपा की आय भी बढेगी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.26 – राज्य सरकार के नगर विकास विभाग ने समूचे राज्य के लिए एकात्मिक विकास नियमावली मंजूर करने का निर्णय लिया है. जिसके प्रावधानों का फायदा निर्माण व्यवसायियों के साथ ही सर्वसामान्य लोगों को अपने सपने का घर पूरा करने और स्थानीय स्वायत्त निकायों की आय बढाने के लिए होगा. इस नियम की वजह से अमरावती शहर के विकास को गति मिलेगी और वाजीब दरोंवाली घरों की संख्या में इजाफा हो सकेगा. जिसकी वजह से अब अमरावतीवासियों को सस्ती दरों पर घर उपलब्ध हो सकेंगे, ऐसी संभावना भवन निर्माण क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा व्यक्त की गई है.
इस संदर्भ में सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इस नियमावली के प्रावधानों में भवन निर्माण हेतु अनुज्ञेय प्रीमियम क्षेत्र के लिए प्रीमियम दरों में संशोधन किया गया है. जिसके किश्तों में अदा करने को मान्यता दी गई है. स्थानीय स्वराज्य संस्था के पास प्रीमियम अदा कर अतिरिक्त चटई क्षेत्र प्राप्त करना आवश्यक किया गया है. जिससे मनपा की आय में इजाफा होगा. इसी तरह छोटे आकार के घर यानी अफोर्डेबल हाउसिंग प्रकल्प हेतु रास्ते की चौडाई के अनुसार उपलब्ध होनेवाला निर्माण चटई निर्देशांक भी 15 प्रतिशत दर से प्रीमियम अदा करते हुए उपलब्ध होगा. जिसकी वजह से मध्यम वर्गीयों के लिए सस्ती दरों में घर उपलब्ध हो सकेगा. अमरावती में पिछली विकास नियमावली के अनुसार पार्किंग की समस्या काफी जटील हो गयी थी और इस समस्या को एकात्मिक विकास नियमावली में मैकेनिकल पार्किंग का प्रावधान करते हुए हल करने का प्रयास किया गया है. जिसके चलते छोटे भूखंड पर भी अपेक्षित निर्माण करना संभव रहेगा. एकात्मिक विकास नियमावली मंजूर होने के बाद अब उसकी अधिसूचना की ओर भवन निर्माण क्षेत्र के लोगों का ध्यान लगा हुआ है.
उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ वर्षों के दौरान अमरावती शहर में घरों की कीमतेें आसमान से जा भिडी है. जिसकी वजह से सर्वसामान्य लोगों के लिए अपना घर बनाना या खरीदना किसी सपने की तरह हो गया है, लेकिन विगत एक वर्ष से घरों व फ्लैट की कीमतें स्थिर हो गयी है. जिससे सर्वसामान्य लोगों को काफी हद तक राहत मिली है. एकात्मिक विकास नियमावली के तहत 150 से 300 चौरस मीटर तक के भूखंड धारकोें को दस दिनों में निर्माण की अनुमति दी जायेगी और 150 चौरस मीटर से कम क्षेत्रफलवाले भूखंडों पर निर्माण करनेवाले अनुमति पध्दति को रद्द करते हुए नक्शा प्रस्तुत करने और शुल्क भरने की पावती को प्रस्तूत करना ही अनुमति माना जायेगा. इसी तरह पर्यटन उद्योग को गतिमान करने हेतु स्टार होटल व पर्यटन प्रकल्प को चटई निर्देशांक में काफी सहूलियत दी जायेगी और कृषि भूमिवाले स्थान पर एक चटई निर्देशांक का प्रयोग करते हुए होटल प्रकल्प शुरू करना संभव होगा. इसके अलावा पुराने व जर्जर हो चुके अपार्टमेंट तथा किरायेदारों के कब्जे में रहनेवाली इमारतों के पुनर्वसन हेतु अतिरिक्त चटई क्षेत्र मंजूर किये जाने से ऐसे प्रकल्पों को पुनर्विकसित करना भविष्य में और अधिक व्यवहार्य होगा, ऐसा निर्माण क्षेत्र के जानकारों का कहना है.

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