परतवाडा/दि.4 – संत गाडगे बाबा बहुउद्देशीय प्रेरणा संस्था रुईखेड, त.अकोट इस संस्था के अध्यक्ष व सचिव को अचलपुर न्यायलय ने चेक से आरोपी संस्था 90 लाख रुपए हाथ उधार लिए थे. रुपए वापिस लौटाने के लिए संस्था की ओर से अध्यक्ष व सचिव ने शिकायतकर्ता को प्रत्येकी 15 लाख के 6 चेक दिए थे. शिकायतकर्ता ने वह चेक क्लीयर करने के लिए बैंक में भेजने पर वह चेक अनादरित (बाउंस) होने से शिकायकर्ता ने संस्था संचालक मंडल को नोटिस भेजी. संस्था संचालकों की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया न मिलने से डॉ.जवंजाल ने आरोपी संस्था व संचालक मंडल के खिलाफ दफा 138 निगोसिएबल इन्टुमेंट एक्ट के तहत अचलपुर फोैजदारी न्यायालय में यह केस चलाई थी.
डॉ.प्रभाकर जवंजाल ने संत गाडगे बाबा बहुउद्देशीय प्रेरणा संस्था रुईखेड, त.अकोट इस संस्था के अध्यक्ष व सचिव को 90 लाख हाथ उधार के रुप में दिये थे. डॉ.जवंजाल को आरोपी संस्था संचालक मंडल ने प्रत्येकी 15 लाख के 6 चेक दिए थे, लेकिन वह चेक बाउंस होने से डॉ.जवंजाल ने संस्था संचालक मंडल को नोटिस भेजी. संस्था संचालकों की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया न मिलने से डॉ.जवंजाल ने आरोपी संस्था व संचालक मंडल के खिलाफ दफा 138 निगोसिएबल इन्टुमेंट एक्ट के तहत वीजेएफएमसी कोर्ट अचलपुर के सामने फौजदारी कानून की धारा 602, 235, 289, 396, 459, 475 अंतर्गत अपराध दर्ज किये थे. आरोपी संस्था व संचालक मंडल को न्यायालय में पेश करने के आदेश दिये गये. प्रत्येक मामले में शिकायतकर्ता व बैंक के अधिकारी साथ ही आरोपी की ओर से अन्य गवाहों के बयान लिये गए. इस मामले में ठोस सबूत व कागजातों के आधार पर वीजेएफएमसी अदालत नं. 1 अचलपुर की न्यायाधीश पाटिल मैडम ने आरोपी संत गाडगेबाबा बहुउद्देशीय प्रेरणा संस्था रुईखेड, तहसील अकोट व अध्यक्ष चंद्रशेखर देविदास दोड व सचिव प्रभाकर देविदास दोड को दोषी करार देते हुए प्रत्येकी 2 साल की सजा सुनाई तथा निजी व संयुक्त रुप से 15 लाख रुपए नुकसान भरपाई देने की सजा सुनाई. फोैजदारी मामले में शिकायतकर्ता की ओर से एड.बोरेकर, एड.आशिष अग्रवाल, एड.विक्रांत चित्रकार ने दलीले पेश की तथा आरोपी पक्षकार की ओर से एड. शेंडे पैरवी की.