ऑईल रिफायनरी की आड लेकर चल रहा केमिकल कारखाना
नांदगांव पेठ एमआईडीसी का मामला, कैल्शियम नॉयट्रेट जैसे घातक रसायन का हो रहा उत्पादन
* प्रदूषण नियंत्रण मंडल व अग्निसुरक्षा से लाईसेंस लिये बिना चल रहा काम
अमरावती /दि.22– नांदगांव पेठ एमआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्र में प्लॉट क्रमांक ए-81 भूखंड राजकुमार ऑईल रिफायनरी के नाम पर पंजीकृत है. परंतु इस भूखंड पर विगत 3 वर्षों से नागपुर स्थित मेसर्स नाथ द्वारा केमिकल्स द्वारा बिना वैध अनुमति लिये अवैध तरीके से कैल्शियम नॉयट्रेट जैसे घातक रसायन का उत्पादन किया जा रहा है, जो मानवीय स्वास्थ्य व शरीर के लिए काफी हद तक घातक व नुकसानदेह होता है. ऐसे में इस गंभीर मामले की शिकायत महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल से की गई है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर उत्पादित होने वाले कैल्शियम नॉयट्रेट को नागपुर भिजवाया जाता है. जहां पर इसका उपयोग विस्फोटक बनाने के लिए किया जाता है. इस उद्योग को किसी भी औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित करने हेतु महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल व अग्निसुरक्षा विभाग से लाईसेंस व अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है. साथ ही कारखाने से निकलने वाले धुएं की निकासी के लिए उंची चिमनी का लगाया जाना जरुरी होता है. परंतु पता चला है कि, नांदगांव पेठ एमआईडीसी में राजकुमार ऑईल रिफायनरी के नाम पर पंजीकृत भूखंड पर नाथ द्वारा केमिकल्स द्वारा चलाए जा रहे कैल्शियम नॉयट्रेट के कारखाने को लेकर किसी भी तरह की कोई अनुमति प्राप्त नहीं की गई है. साथ ही यहां पर धुएं की निकासी के लिए चिमनी भी नहीं लगाई गई है. जिसके चलते कारखाने से निकलने वाले धुएं और राख की चपेट में पास ही स्थित सावर्डी गांववासी हमेशा ही आते रहते है. जिनके स्वास्थ्य को खतरे में कहा जा सकता है. ऐसे में सावर्डी गांववासियों ने इस कारखाने के खिलाफ महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल व महाराष्ट्र औद्योगिक विकास क्षेत्र सहित सभी संबंधित विभागों से शिकायत करते हुए इस कारखाने को तत्काल बंद कराने की मांग की है.
* नागपुर के ‘सोलार’ की हो सकती है पुनरावृत्ति
कैल्शियम नॉयट्रेट तैयार करने हेतु नायट्रीक एसिड का प्रयोग किया जाता है. परंतु ऐसा करते समय आवश्यक सावधानी व सतर्कता के लिए जरुरी रहने वाले उपायों का इस कारखाने मेें सर्वथा अभाव है. इस कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के पास ईएसआईसी पंजीयन कार्ड व कोई भी बिमा सुविधा नहीं है. जिसके चलते नागपुर के सोलार कारखाने में हुए हादसे की नांदगांव पेठ एमआईडीसी स्थित इस कारखाने में किसी भी वक्त पुनरावृत्ति हो सकती है.
* इंसानों, प्राणियों व वनस्पतियों के लिए खतरनाक है केमिकलयुक्त धुआं
कैल्शियम नॉयट्रेट से निकलने वाला धुआं इंसानों सहित प्राणियों व वनस्पतियों के लिए काफी घातक व खतरनाक होता है. कंपनी के परिसर और आसपास के परिसर में वनस्पतियां ही नहीं उग रही है. साथ ही धुएं की समस्या को लेकर सावर्डी गांव में रहने वाले किसानों व दुग्ध व्यवसायियों की ओर से भी बडे पैमाने पर शिकायतें प्राप्त हो रही है. जिसके मुताबिक यह धुआं काफी अधिक समय तक बना रहता है और इसकी वजह से सांस लेने में भी तकलीफ होती है. साथ ही इस कारखाने में धुएं को उंचा ले जाकर छोडने हेतु उंचाई वाली चिमनी नहीं है. जिसकी वजह से धुआं लगातार कारखाने से निकलकर इधर-उधर फैलता रहता है.
– कैल्शियम नॉयट्रेट का उत्पादन जारी रहते समय कारखाने से इस तरह धुआं निकलता है.
– ऑईल रिफायनरी के नाम पर चलने वाला केमिकल कारखाना