अमरावतीमहाराष्ट्र

7 नवंबर से होगी छठ पर्व की शुरूआत

हर साल की तरह हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा छठ पर्व

* जोरोंशोरो से की जा रही तैयारियां
* आयोजक दिनेश सिंह की जानकारी
अमरावती/दि.5– शहर में हर साल की तरह इस साल भी सूर्य की आराधना का छठ पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा. ऐसी जानकारी आयोजक दिनेशसिंह ने दी. दिनेश सिंह ने बताया कि इस साल यह आयोजन 7 नवंबर से 8 नवंबर तक किया जायेगा. इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारियां जोरो शोरों से की जा रही है. 7 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के पश्चात छठ पर्व की शुरूआत होगी. अगले दिन 8 नवंबर को सुबह 6 बजे सूर्य को अर्ध्य देकर महाआरती की जायेगी और उसके पश्चात प्रसाद का वितरण होगा.
आयोजक दिनेश सिंह ने बताया कि साल 2011 में छठ पर्व को सार्वजनिक रूप दिया गया. पहले यह पर्व कई सालों तक समाज से जुडे परिवार द्बारा ही मनाया जाता था. अब इस पर्व को सार्वजनिक तौर पर मनाया जाता है. इस पर्व में उपवास किया जाता है. शहर में इस पर्व के आयोजन के मक्सद को लेकर दिनेश सिंह ने बताया कि जो लोग अपने प्रदेशों से अपनी परंपराओं के साथ शहर में आए है. उन लोगों को भी अपना पारंपरिक त्यौहार मनाने का अधिकार है. इसीलिए यह आयोजन जरूरी है. अमरावती शहर हमारी कर्मभूमि है. कर्मभूमि में समाज के लोग एकजुट हो रहे है. यही इस आयोजन का मकसद है.
दिनेश सिंह ने आगे बताया कि मूलत: यह पारिवारिक आयोजन है. हम ऐसी जगह रहते है. जहां हमारे समाज के लोगों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. इसीलिए इस पर्व को सार्वजनिक तौर पर मनाने का विचार आया. लेकिन शुरू में केवल 2-3 परिवार ही सार्वजनिक छठ पूजा में शामिल हुए. लेकिन जैसे- जैसे लोग इस पर्व से जुडते गये. वैसे- वैसे आयोजन भी व्यापक होता चला गया. शहर के छत्री तालाब में पिछले साल छठ पर्व के आयोजन में तत्कालीन सांसद नवनीत राणा ने भी उपस्थित रहकर पूजा अर्चना की थी.
दिनेश सिंह ने अमरावती मंडल को बताया कि अब छठ पूजन पर सूर्य आराधना में सभी समाज के लोग सम्मिलित होते है. अत: आयोजन में दिनोंदिन लोग जुडते जा रहे हैं. संख्या सतत बढ रही है. यह बडी प्रसन्नता एवं गौरव की बात है. छठ पूजा आयोजन समिति के दिनेश सिंह ने बताया कि केवल सूर्य भगवान को अर्घ्य देने का कार्य होता है. अत: कोई मत्रोंच्चार की आवश्यकता नहीं है. न ही परिधान विशेष की. डूबते सूर्य को जल चढाते समय उसका रंग केसरिया होता है और अगले दिन सबेरे भी सूर्य इसी प्रकार केसरिया होता है. सूर्य आराधना का वास्तविक रंग से भी पर्व जुडा है. आप छठ पूजा में पहले डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हैं. दूसरे दिन उगते हुए अर्ध्य ऐसा क्यों, इस पर सिंह ने बताया कि हम परंपरा को अनुपालन कर रहे हैं हम भी हर दिन पहले उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देते हैं और शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य लेकिन छठ पूजा में पहले दिन अस्ताचल सूर्य एवं दूसरे दिन उदय सूर्य को जल अर्पित किया जाता है. दिनेश सिंह ने यह भी बताया कि हमारा समाज और मनीषी आस्था पर ध्यान देते हैं. आडंबर पर नहीं छत्री तालाब में छठ पूजा की तैयारी हो रही है. सिंह ने बताया कि आयोजन समिति ने मनपा को प्रबंधों के लिए निवेदन दिया है. 7 और 8 नवंबर को यहां बडी संख्या में छठ पूजन होगा.

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