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डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर सोत्साह बना छठ पूजा का पर्व

छत्री तालाब के घाट पर उमडी व्रतियों की भारी भीड

* कई गणमान्यों ने भी उपस्थित रहकर किया छठ पूजन
अमरावती / दि. 20- उत्तर भारतीयों विशेषकर बिहारियों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहनेवाला छठ पूजन का पर्व रविवार व सोमवार को बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान रविवार की शाम डूबते सूर्य को और सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करते हुए व्रतियों सहित समाज बंधुआंेंं द्बारा छठ पूजन किया गया. इस हेतु स्थानीय छत्री तालाब पर दोनों ही दिन व्रतियों एवं उत्तर भारतीय समाज बंधुओं की अच्छी खासी भीड देखी गई. जहां पर सार्वजनिक छठ पूजा समितिे द्बारा छठ पूजन हेतु चाक चौबंद इंतजाम किए गये थे.
रविवार की शाम छत्री तालाब के घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हुए छठ पूजन किया गया. वहीं आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर छठ पूजन के व्रत का पारण करते हुए उद्यापन किया गया.
विशेष उल्लेखनीय है कि उत्तर भारतीयों के इस पर्व को देखने और इसमें हिस्सा लेने हेतु कई गैर उत्तर भारतीयों की भी रविवार की शाम व सोमवार की सुबह छत्री तालाब पर उपस्थिति रही. साथ ही सार्वजनिक छठ पूजन समिति के अध्यक्ष दिनेश सिंह के आमंत्रण पर कई गणमान्यों ने भी छत्री तालाब के घाट पर भेंट देते हुए डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया. जिनमें जिले की सांसद नवनीत राणा, शक्ति पीठाधिश्वर शक्ति महाराज, वरिष्ठ विधिज्ञ एड. प्रशांत देशपांडे व समाज सेवी अभिनंदन पेंढारी का समावेश रहा.
छठ पूजन के इस आयोजन को सफल बनाने हेतु सार्वजनिक छठ पूजन समिति के अध्यक्ष दिनेश सिंह सहित जितेंद्र झा, संजय चौरसिया, अभिनंदन पेंढारी, संजय सिन्हा, हरिहरप्रसाद वर्मा, जगदीश पांडे, संजय थोरात, त्रिदेव डेडवाल, रंजना पांडे, अंजना सिंह, विपिन पांडे, संजय पांडे, संतोष सिंह गहरवार, सलुजीत सिंह, राठौड, दीपक पाठक, चेतन वाटणकर, कन्हैया मित्तल, जागृति झा, दीपक अग्रवाल, आकाश पाली, अजय मिश्रा, प्रशांत देशपांडे, राजेश यादव, शैली यादव, प्रमोद अग्रवाल आदि महत प्रयास किए. साथ ही छठ पूजन के इस आयोजन में सैकडों उत्तर भारतीय समाज बंधुओं ने हिस्सा लिया.

* छत्री तालाब के घाट पर सूर्य मंदिर बनाने की मांग
विशेष उल्लेखनीय है कि मुलत: बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश के वास्ता रखनेवाले कई उत्तर भारतीय द्बारा अमरावती को अपनी कर्मभूमि बना लिया गया है तथा कई उत्तर भारतीय परिवार विगत कई दशकों से पीढी दर पीढी अमरावती में रह रहे हैं. जिनके द्बारा प्रतिवर्ष छठ पूजन का पर्व बडे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. जिसके लिए विगत अनेक वर्षो से छठ पूजन का पर्व मनाने के लिए डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने हेतु उत्तर भारतीय समाज बंधु छत्री तालाब के घाट पर उपस्थित होते है. क्योंकि नदी व तालाब जैसे प्राकृतिक जल स्त्रोत्त में खडे रहकर छठ पूजन के पर्व पर डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है. कुछ वर्ष पहले तक छत्री तालाब पर घाट जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी तथा तालाब के किनारे अच्छी खासी गंदगी रहा करती थी. ऐसे में सार्वजनिक छठ पूजा समिति का गठन करते हुए दिनेश सिंह ने तत्कालीन मनपा आयुक्त चद्रकांत गुडेवार के जरिए छत्री तालाब के एक किनारे को साफ सुथरा करवाया. जहां पर आगे चलकर छत्री तालाब सौंदर्यीकरण व विकास प्रारूप के तहत पक्के घाट का निर्माण हुआ. उसी घाट पर अब हर साल उत्तर भारतीय व बिहारी समाज बंधुओं द्बारा उपस्थित होकर बडी सुविधा के साथ छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है. साथ ही प्रशासन के समक्ष अभी यह मांग रखी गई है कि छत्री तालाब के इसी घाट पर छठ पूजन पर्व के मद्देनजर सूर्य मंदिर का निर्माण करवाया जाए. जहां पर छठ पूजन पर्व वाले दिनों में डूबते व उगते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही सूर्य आराधना की जा सके.

 

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