छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमेशा ही प्रजा को सर्वोच्च स्थान पर रखा
न्यायाधीश आर. आर. पोदुकले का प्रतिपादन
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* जिला व सत्र न्यायालय परिसर में श्री शिवाजी महाराज जयंती पर व्याख्यान
अमरावती/दि.20-छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमेशा ही अपनी प्रजा को सर्वोच्च स्थान पर रखा. उनके लिए स्वराज्य की स्थापना कर एक ऐसा राज्य निर्माण किया. जहां जनता पर किसी प्रकार का अन्याय अत्याचार न हो. उन्हें सीख देनेवाली मां जीजाउ ने बालपन से ही उन्हें जो संस्कार दिए थे. उसकी फलश्रूति आज हमें छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे शुरवीरों की गाथा सुनने का अवसर मिल रहा है, ऐसा प्रतिपादन पारिवारिक न्यायालय के प्रमुख व्यायाधीश आर.आर. पोदुकले ने व्यक्त किया.
स्थानीय कैम्प रोड स्थित जिला व सत्र न्यायालय परिसर में बुधवार की शाम 7.30 बजे जिला वकील संघ की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यान में वे प्रमुख वक्ता के तौर पर बोल रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता वकील संघ अध्यक्ष एड. विश्वास काले ने की तथा में प्रमुख अतिथि के रूप में जिला व सत्र न्यायालय के प्रमुख न्यायाधीश एस. वी. यार्लगड्डा उपस्थित थे. सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन कर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का पूजन किया गया.
न्यायाधीश आर. आर. पोदुकले ने आगे अपने संबोधन में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व चंद शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. लेकिन उन्होंने मां जीजाउ के आदर्शो का पालन कर जिस प्रकार अपने जीवन में सफलता अर्जीत की है. वह शायद ही कोई प्राप्त कर सकता है. उनके पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज की जीवन गाथा हम ‘ छावा’ फिल्म के माध्यम से इन दिनों थिएटर में देख रहे हैं. वे जिस प्रकार आत्याधिक क्रोधी थे. उतने ही छत्रपति शिवाजी महाराज शांत एवं संयमी थे. उन्होंने कभी भी किसी का अपमान नहीं किया. वे हमेशा ही महिलाओं का सम्मान करते थे. यह उनकी मां द्बारा दी गई शिक्षा का परिणाम है.
छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन को साल 2030 में 400 ेसाल पूर्ण होंगे. उनके इतिहास को इस प्रकार जीवित रखते हुए उनके आचार व विचारों को अपने जीवन में अपनाने की कला हमें सीखनी चाहिए, ऐसा सुझाव न्यायाधीश पोदुकले ने दिया. वहीं मुख्य न्यायधीश एस.पी. यार्लगड्डा ने कहा कि वर्तमान पीढी मोबाइल की दुनिया में गुम हो चुकी है. उन्हें वास्तविकता से अधिक काल्पनिकता पर अधिक विश्वास होने लगा है. जिसके कारण अलेकजेंडर जैसे देवपुत्र , छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे वीर योध्दाओं की जानकारी संकलित करना उनके विचारों को अपनाने की इच्छा युवाओ में दिखाई नहीं देती. उस समय इन लोगों के पास शिक्षा व जानकारी संकलन के कोई आधुनिक माध्यम नहीं थे. आज हम एक क्लीक पर सभी जानकारी प्राप्त कर लेते है.
उस समय ऐसा नहीं था. फिर भी वे स्वराज्य के संस्थापक बने. आज हम मोबाइल जैसी आधुनिक तकनीक उपलब्ध होने के बाद भी जीवन में आगे बढकर कुछ नहीं कर पा रहे हैं. यह करते हुए उन्होंने इस आयोजन को लेकर जिला वकील संघ का अभिनंदन किया. जिला वकील संघ के अध्यक्ष एड. विश्वास काले ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कार्यक्रम की रूपरेखा व नियोजन के साथ इस प्रकार के कार्यक्रमों की आवश्यकता क्यों? इस पर जानकारी दी. कार्यक्रम का संचालन एड. सारिका ठाकरे ने किया व आभार एड. चंद्र्रसेन गुलसुंदरे ने माना.
इस अवसर पर जिला वकील संघ सचिव चंद्रसेन गुलसुंदरे, उपाध्यक्ष एड. नितिन राउत, ग्रंथालय सचिव एड. मो. वसीम शेख तथा कार्यकारिणी सदस्या एड. सोनाली महात्मे, एड. शाहू चिखले, एड. सारिका भोंगाडे / ठाकरे, एड. विक्रम सरवटकर, एड. सूरज जामठे, एड. गजानन गायकवाड, एड. मांगल्य निर्मल, प्रसिध्दी प्रमुख एड. राजू कलाने, एड. गौतम खोब्रागडे के साथ सदस्य बडी संख्या में उपस्थित थे.