अमरावती

विद्यापीठ में छत्रपति शिवाजी महाराज पाठ्यक्रम को मिली मान्यता

मराठा नेता दिनेश सूर्यवंशी ने कहा- कागजों पर चलाया जा रहा पाठ्यक्रम

  • कोई उपाय योजनाएं नहीं की जा रही है

अमरावती/दि.18 – शिवसेना के पूर्व उपशहर प्रमुख अमोल निस्ताने की मांग पर विद्यापीठ प्रशासन की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज डिग्री पाठ्यक्रम को मायन्ता दी है. लेकिन इस मान्यता को लेकर भी अब मराठा नेताओं में नाराजगी देखने को मिल रही है.
यहां बता दे कि संत गाडगेबाबा विद्यापीठ में छत्रपति शिवाजी महाराज पव्युत्तर पाठ्यक्रम को मान्यता मिली है. यह पाठ्यक्रम अगले वर्ष से शुरु होगा. इस विषय का पाठ्यक्रम तैयार करने विद्वत परिषद की मंजूरी प्रबंधन परिषद की मान्यता इसे दी जाएगी इसके लिए तकरीबन सालभर का अवधी लगेगा वर्ष 2022-23 में इस पाठ्यक्रम के लिए छात्रों को प्रवेश देने की तैयारियां विद्यापीठ प्रशासन ने की है. विद्यापीठ प्रबंधन परिषद के सदस्य प्रफुल्ल गवई ने कहा कि विद्यापीठ की अधिसभा में पाठ्यक्रम के लिए 22.20 लाख की निधि का प्रावधान किया गया है. यह पाठ्यक्रम आजीवन अध्ययन को विस्तार केंद्र से संचालित किया जाएगा.

  • शिवसेना के पूर्व उपशहर प्रमुख स्व. अमोल निस्ताने की मांग पर अधिसभा में छत्रपति शिवाजी महाराज पदव्युत्तर पाठ्यक्रम को मान्यता प्रदान की गई है. इसके अलावा सभागृह में मां जीजाऊ, शिवराय की प्रतिमा लगाई गई है. यह पाठ्यक्रम अगले साल शुरु होगा.
    – मुरलीधर चांदेकर, कुलगुरु अमरावती विद्यापीठ

कागजो पर चलाया जा रहा पाठ्यक्रम

छत्रपति शिवाजी महाराज पाठ्क्रम को विद्यापीठ प्रबंधन की ओर से तकरीबन 10 से 11 महीने पहले ही अनुमति दे दी गई है. यह पाठ्यक्रम इस वर्ष से शुरु होना चाहिए था लेकिन अब भी केवल कागजों पर ही यह पाठ्यक्रम चलाया जा रहा है. विद्यार्थी प्रबंधन की ओर से पाठ्यक्रम शुरु करने के लिए अब तक कोई भी उपाय योजनाएं शुरु नहीं की गई है. छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर विद्यापीठ की अनास्था देखने को मिल रही है.
– दिनेश सूर्यवंशी

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