अमरावतीमहाराष्ट्र

छत्रपति शिवाजी महाराज ने की शिवराज्य की स्थापना

आचार्य स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज का कथन

* रोटरी क्लब ऑफ अमरावती अंबानगरी का सांस्कृतिक भवन में दो दिवसीय अमृतवर्षा का आयोजन
अमरावती/दि. 3– छत्रपति शिवाजी महाराज ने शिवराज्य की स्थापना की. यह ऐसा राज्य था जहां सभी संप्रदाय के लोगों को समान अधिकार प्राप्त होते थे. उनका शासन सभी के लिए प्रेरक साबित होता था. इसी कारण उन्हें जाणता राजा, शिवकल्याणकारी राजा के रुप में पहचाना जाने लगा, ऐसा प्रतिपादन राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज ने किया. स्थानीय मोर्शी रोड स्थित ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में रोटरी क्लब ऑफ अमरावती अंबानगरी की ओर से आयोजित दो दिवसीय दिव्य अमृतवर्षा कार्यक्रम में वे बोल रहे थे.

अपने प्रवचन में परम श्रद्धेय स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज ने छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रबंधन विषय पर मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, छत्रपति शिवाजी महाराज जो ठान लेते थे वह कर दिखाते थे. इस कारण उन्होंने स्वराज्य की स्थापना की. जिस प्रकार हम भगवत गीता, रामायण का आचरण करते है, इस प्रकार हमें छत्रपति शिवाजी महाराज के गुण को अपनाना चाहिए. लोकमान्य तिलक ने गणेश उत्सव के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती उत्सव के रूप में मनाई जाती है लेकिन वर्तमान यह दोनों त्यौहार दंगा फसाद का कारण बन रहे है. कई लोग इस दिन दंगे करवाने की कोशिश करते है. लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने जीवन काल में सबको एकत्रित रखने का प्रयास किया था. विनायक दामोदर सावरकर ने भी हिंदुत्व को बचाने के लिए प्रयास किया. छत्रपति शिवाजी महाराज के सुपुत्र संभाजी राजे का भी इतिहास अविस्मरणीय है. महाराष्ट्र में जिस प्रकार छत्रपति को याद किया जाता है, उसी प्रकार अहिल्यादेवी होलकर की शौर्य गाथा भी सुनने मिलती है. उन्होंने भारत का सितारा बुलंद करने के लिए इतिहास में अतुलनीय योगदान दिया है. जब मनुष्य अयाराम-गयाराम करता है तो उसकी तेजस्विता नष्ट हो जाती है. हम प्रबंधन शास्त्र, आत्म विकास, मानवीय संबंध, नेतृत्व कौशल आदि का ज्ञान अर्जित करने विदेश यात्रा करते है. लेकिन यह धन संपदा भारत में ही उपलब्ध है, इस बात को हम भूल चुके है. हम स्वयं को जितना जानेंगे उतना ही सक्षम नेतृत्व बन सकते है. राजा से प्रजा तक एक श्रृंखला तैयार की गई है. जिसमें अंतिम छोर पर अधिकारी वर्ग होते है, जो समाज को कष्ट देते है और उसका परिणाम राजा को भुगतना पडता है. इन सभी बातों के माध्यम से उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र को समझाने का प्रयास किया.

कार्यक्रम में सवप्रथम प्रमुख संयोजक वरिष्ठ समाजसेवी नानकराम नेभनानी, संयोजक चंद्रकुमार उर्फ लप्पी जाजोदिया तथा रविवार के सत्र यजमान स्व. रामावतार सिंघानिया की स्मृति में बडनेरा का सिंघानिया परिवार व रोटरी क्लब ऑफ अमरावती अंबानगरी के सदस्य द्वारा आचार्य श्री का स्वागत एवं सत्कार किया गया. इस अवसर पर गोरक्षण संस्थान के अध्यक्ष एड. आर. बी. अटल परिवार, राजेश मित्तल परिवार, आशीष हरकुट परिवार के साथ विधायक रवि राणा ने आचार्य श्री का आशीर्वाद लिया. कार्यक्रम की शुरुआत छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पूजन से व दीप प्रज्वलन के साथ की गई. इस कार्यक्रम को सफल बनाने रोटरी क्लब ऑफ अमरावती अंबानगरी के अध्यक्ष राजेश मित्तल, आयोजन प्रमुख सीए आशीष हरकुट, सचिव अमेय वैद्य, संरक्षक जगदीश बाबू अग्रवाल, तापडिया सिटी सेंटर की संचालिका अनुपमा लढ्ढा, आयोजन समिति के नीलेश परतानी, प्रशांत करवा, सारंग राऊत, सचिन रौंदलकर, नंदकिशोर राठी, डॉ. नरेंद्र राठी, जॉनी जयसिंघानी, नितिन गुप्ता, सुदेश मुंधडा, ब्रजेश सादानी, सीए गोकुलेश दम्माणी, विष्णुशंकर खत्री, प्रशांत मोंढे, उदय कालमेघ, आशीष वाकोडे, विक्रांत जोशी, सुशील लढ्ढा, अतुल अनासाने आदि ने अथक परिश्रम किया.

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