अमरावतीमहाराष्ट्र

छत्री तालाब बना प्रेमी युगल और अय्याशों का अड्डा

मवेशियों की भरमार से सौंदर्यीकरण के बुरे हाल

* हरे-भरे पेडों को क्षति, मनपा प्रशासन की अनदेखी
अमरावती /दि.19– माल टेकड़ी को छोड़ दिया जाए तो शहर के सभी पर्यटन स्थल या अवकाश बिताने की जगहों के हाल बेहाल हैं. इसके चलते छुट्टी के दिनों में बच्चों को अथवा बाहर से आनेवाले मेहमानों को कौन से स्थल पर ले जाया जाए, ये सबसे बड़ा प्रश्न अमरावती के नागरिकों के समक्ष मुंह उठाए खड़ा रहता है. इसी बीच प्राचीन और शहर के एकमात्र पर्यटन स्थल के रूप में पहचाने जानेवाले छत्री तालाब परिसर प्रशासन व जन प्रतिनिधि के नियोजन के अभाव में प्रेमी जोड़ों, नशेड़ियों और चोर-लुटेरों का अड्डा बन गया है.
उल्लेखनीय है कि अमरावती के छत्री तालाब का निर्माण 18 वीं सदी में हुआ था. इसके चलते छत्री तालाब के रूप में शहर की एक पहचान थी. कुछ वर्षों पूर्व विधायक रवि राणा ने पर्यटन की दृष्टि से पहल करते हुए यहां पर राज्य सरकार और मनपा की भागीदारी में यहां पर सौंदर्यीकरण, बोटिंग, फूड जोन आदि के विकास कार्यों का प्रस्ताव तैयार किया था, परंतु मनपा द्वारा इसके लिए निधि देने में असमर्थता जताते हुए प्रशासन ने केवल 12.50 करोड़ रुपए मंजूर किए थे. इसके चलते चार-पांच वर्ष पूर्व इस निधि से प्रवेश द्वार, शौचालय, पेविंग ब्लॉक, तालाब के लिए सीढ़ियां बनाने के साथ-साथ कृत्रिम छतरी बनाने का कार्य किया गया था. परंतु बाद में निधि उपलब्ध नहीं होने के कारण इन कार्यों का नियोजन नहीं हो सका और परिसर के हाल बेहाल हो गए. अब यहां पर कंटीली झाड़ियां उग चुकी हैं, सीढ़ियां टूट रही हैं और ओपन जिम की सामग्री में टूटफूट हो रही है. सुरक्षा रक्षक के नाम पर यहां सिर्फ दो कर्मचारी तैनात हैं जो इतने बड़े परिसर की की सुरक्षा करने में असमर्थ हैं. इसके चलते छत्री तालाब की झाड़ियों की ओट में प्रेमी जोड़ों द्वारा अश्लील हरकतें करने और शराबियों द्वारा ओपन बार चलाए जाने का दृष्य आम बात हो गई है.

* पुराने निर्माण का मसला कोर्ट में, अब नए की तैयारी
तालाब के जल भराव क्षेत्र में मनपा द्वारा नियमबाह्य निर्माण किए जाने का आरोप लगाते हुए पोहरा जंगल बचाओ समिति ने यह मामला एनजीटी (राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल) में दायर कर रहा है. इसके चलते अब तक किया गया खर्च भी पानी में जाता हुआ दिखाई दे रहा है. लोकसभा चुनाव के पहले तत्कालीन सांसद नवनीत राणा के निर्देशों पर मनपा के बांधकाम विभाग ने शेष जगह का सौंदर्यीकरण करने और विकास कार्यों की तैयारी दिखाई थी. परंतु बाद में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के चलते इस संबंध में सिर्फ कागजी कार्रवाई की गई और वस्तुत: कुछ नहीं किया गया.

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