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बच्चों को लुभा रहे छोटा भीम और यूनिकॉर्न के लंच बॉक्स

नए शिक्षा सत्र हेतु बाजार में खरीदारी आरंभ

* अभिभावक उमडे दुकानों में, लगभग 10 प्रतिशत मूल्यवृद्धि
अमरावती/दि.12- शालाओं का शिक्षा सत्र पखवाडे भर में आरंभ होना है. ऐसे में स्थानीय मार्केट में बच्चों ने माता-पिता के साथ नया लंचबॉक्स और वॉटरबैग तथा दफ्तर भी खरीदी आरंभ कर दी. स्थानीय व्यापारियों ने अमरावती मंडल को बताया कि, पिछले साल की तुलना में न केवल दाम सिर्फ 8-10 प्रतिशत बढे है, वहीं इस बार खरीदारी का जोश भी अधिक नजर आ रहा है. रविवार को जवाहर रोड और मोची गली के मार्केट में दुकानों पर स्कूल संबंधी सामग्री की खरीदारी बडे प्रमाण में होने की जानकारी एक दुकानदार अमित गोहिल ने दी.
* लंच बॉक्स में बडी रेंज
उन्होंने बताया कि, मार्केट में लंचबॉक्स में बडी रेंज आई है. बच्चों को उनके कार्टून किरदार, मिक्की माउस, छोटा भीम, सिंड्रेला, यूनिकॉर्न के चित्र अंकित वॉटर बॉटल और लंचबॉक्स लुभा रहे है. अमित के अनुसार 250 मिली लीटर से लेकर 1 लीटर आकार की बॉटल और लंचबॉक्स 100 रुपए से लेकर 500 रुपए तक उपलब्ध है. बच्चे और पालकवर्ग उसे पसंद भी कर रहे हैं.
* सबसे अलग सामग्री की चाह
शाला में अपने लंचबॉक्स और वॉटर बॉटल सबसे भिन्न रहने की चाह बच्चे के साथ-साथ पैरेंट्स की भी रहती है. इसके लिए हर कोई नई वस्तु की तलाश में रहता है. बच्चे दुकान दर दुकान अपनी पसंद की चीजे खोज रहे हैं. बडी मुश्किल से उन्हें लंचबॉक्स और वॉटरबॉटल पसंद आती है. इस बार बैग वीथ टिफिन का क्रेज नजर आने की जानकारी घनश्याम डोडवानी ने दी. डोडवानी की स्कूल-कॉलेज बैग की दुकान है. उन्होंने बताया कि, अलग-अलग कंपनी और बच्चों को अपनी स्टाइल का बैग लेते है. रेंज की बात करे तो 200 रुपए से लेकर 100 रुपए तक बैग है.
* सप्ताहांत में बढेगी विक्री
एक अन्य विक्रेता रवि अग्रवाल ने बताया कि, जल्द ही स्कूल शुरु होने जा रहे हैं. सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से संलग्न शालाएं अगले सप्ताह से आरंभ हो रही है. अत: यूनिफार्म से लेकर पुस्तकें और अन्य शालेय सामग्री में टिफीन, लंच बॉक्स, वॉटर बॉटल, बैग, दफ्तर आदि की खरीदारी शुरु हो गई है. सप्ताहांत में इसमें और तेजी आएगी. ग्राहकी बढेगी. पिछली बार कोरोना के बाद रेट 30-40 प्रतिशत बढे थे. इस बार मुश्किल से 10 फीसद का इजाफा हुआ है. अभी ग्राहकी और तेज होने की पूरी संभावना उन्होंने व्यक्त की.
* पुस्तक, नोटबुक हुई महंगी
इस साल से बुकलेट के पन्ने किताब में ही दे दिए गए हैं. हालांकि, किताबों और अन्य सामग्रियों के साथ-साथ स्कूल बैग बहुत महंगे हैं. शिक्षा क्षेत्र में महंगाई चरम पर पहुंच गई है. आमदनी अठन्नी खर्चा रुपय्या जैसी स्थिति अभिभावकों के समक्ष निर्माण हो गई है. पिता का जीवन भर का खर्चा और बेटे का एक साल का खर्च बराबर है. अभिभावकों का बजट बिगड़ा है. शिक्षा में बदलाव और सामग्री की अत्यावश्यकता के कारण बच्चों की शिक्षा का खर्च बहुत बढ़ गया है. स्कूल बैग व अन्य सामग्री महंगी हुई. बच्चों और निजी स्कूलों के लिए आवश्यक शैक्षिक सामग्री की खरीद के कारण अभिभावकों को आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है. पिछले साल की तुलना में शैक्षिक सामग्री के दाम बढ़ने से लागत भी बढ़ गई है.

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