विद्यार्थियों के पैरों में चटके और शरीर में पसीना
शासनादेश पर पूरी तरह से अमल मगर ग्रामीण क्षेत्र की स्थिति पर ध्यान नहीं
अमरावती/ दि.8– कोरोना काल में पढाई का काम प्रभावित हुआ.30 अप्रैल तक स्कूल पूरे समय चलाने के आदेश शासन ने दिये, परंतु जिले में भीषण गर्मी लगातार बढ रही है, इसके कारण सुबह 7 से दोपहर 12.30 बजे तक ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को पैर में चटके बर्दाश्त कर शरीर से पसीना बहाते हुए पढाई करना पढ रहा है. स्थानीय स्थिति पर ध्यान न देते हुए शासनादेश का पूरी तरह से पालन करने में ही अपने आप को धन्य मान रहे है, ऐसी तस्वीर दिखाई दे रही है.
ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी के पालक सुबह ही काम के लिए निकल जाते है. उनके साथ शहर के स्कूल आने वाले क्षेत्र के विद्यार्थी की भी यह हालत है. इसके कारण सुबह घर में भोजन न पकने की वजह से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को भुखे पेट ही स्कूल आना पडता है. सुबह 7 से दोहपर 12.30 बजे तक स्कूल रहने के कारण विद्यार्थियों के घर जाने तक 2 बज जाते है. अधिकांश विद्यार्थी समीपस्थ गांव में साइकिल या पैदल जाते है. धूप में बच्चों को घर वापस लौटना पडता है. बडों की भी हालत खराब करने वाली धूप में बच्चों का क्या हाल होता होगा, यह कहना भी कठिन है. स्कूल के विद्यार्थियों का स्वास्थ्य खतरे में दिखाई दे रहा है.
ना पंखा ना ठंडा पानी
अधिकांश स्कूल में गर्मी के समय पीने के लिए ठंडे पानी की सुविधा नहीं है. हर क्लासरुम में पंखा नहीं. अधिकांश क्लास रुम पर टीन के छत है, जिसके कारण क्लास के विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी पसीने से नहा जाते है. शालेय पोषण आहार के लिए जरुरी अनाज की आपूर्ति न होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में पोषण आहार देना बंद है.
यह समय सारणी रहेगी ठिक
सुबह 7 से 7.10 तक- प्रार्थना
सुबह 7.10 से 7.40 तक- पहला पिरेड
सुबह 7.40 से 8.10 तक- दुसरा पिरेड
सुबह 8.10 से 8.40 तक- तीसरा पिरेड
सुबह 8.40 से 9.20 तक- चौथा पिरेड
सुबह 9.20 से 9.30 तक- रिसेस
सुबह 9.30 से 10 तक- पांचवां पिरेड
सुबह 10 से 10.30 तक- छटवां पिरेड
सुबह 10.30 से 11 तक- सातवां पिरेड
सुबह 11 से 11.30 तक- आठवां पिरेड