अमरावती

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घर पर ‘तुलसी पत्र’ रखकर संगठन के लिए काम किया

सांसद श्रीकांत शिंदे का प्रतिपादन

वाशिम में शिवसेना (शिंदे गुट) का सम्मेलन
वाशिम -दि.24 कोई भी संगठन बढाने के लिए जनता के बीच जाकर कार्य करना पडता है और जनसामान्यों के प्रश्न हल कर उन्हें न्याय देने की पहल करनी होती है. राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने घर पर तुलसी पत्र रखकर संगठन के लिए 20-20 घंटे काम किया. तब जाकर शिवसेना का संगठन मजबूत हुआ. ऐसा प्रतिपादन सांसद तथा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र श्रीकांत शिंदे ने व्यक्त किया. वे वाशिम-यवतमाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में सांसद भावना गवली द्बारा वाटाणे लॉन में आयोजित शिवसेना (शिंदे गुट) के सम्मेलन में बोल रहे थे. सांसद शिंदे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का नाम लिये बगैर तंज कसा कि, मर्सडीज में बैठकर संगठन नहीं बढता.
वाशिम-यवतमाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में मंगलवार को शिवसेना (शिंदे गुट) के सम्मेलन का आयोजन स्थानीय वाटाणे लॉन में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर की अध्यक्षता में लिया गया था. सम्मेलन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सुपूत्र सांसद श्रीकांत शिंदे, सांसद भावना गवली, हिंगोली के सांसद हेमंत पाटील, वाशिम के भाजपा विधायक लखन मलिक, शिवसेना के पूर्व विधान परिषद सदस्य गोपीकिसन बाजोरिया, विधान परिषद सदस्य विप्लव बाजोरिया, यवतमाल जिला भाजपा अध्यक्ष नितीन भुतडा तथा वाशिम जिले के पदाधिकारी और कार्यकर्ता तथा शिवसेना (शिंदे गुट) प्रवेश लेने वाले विविध पार्टीयों के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता उपस्थित थे.
सांसद शिंदे ने आगे कहा कि, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार स्थापित करने के लिए पहल की. हिंदूत्व का रक्षण कर समाज के अंतिम घटकों को न्याय दिलाने के लिए यह सरकार कटिबद्ध है. पिछले डेढ माह की कालावधि में सरकार ने 750 जनहित के निर्णय लिये है. यह एक रिकॉर्ड है. इन सभी निर्णयों में एक भी बिल्डर अथवा धनाढ्य लोगों के हित का फैसला नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि, वाशिम में संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय का उपकेंद्र स्थापीत हो, वाशिम शहर को जलापूर्ति करवाने वाले एकबुर्जी प्रकल्प की उचाई बढाने के साथ ही वाशिम जिले में प्रकल्पग्रस्त किसानों की समस्याएं हल करने व जिले के सर्वांगिण विकास के लिए शिंदे-फडणवीस की सरकार कटिबद्ध है.
सम्मेलन में सांसद भावना गवली ने कहा कि, एक साल पूर्व मेरे खिलाफ आरोप किये गये थे. उस समय पार्टी नेतृत्व ने मेरी कोई मदद नहीं की थी. मैं खुद लढवैय्या होने से अपनी लढाई लढी. वाशिम-यवतमाल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र की जनता ने मूझे लगातार 5 बार सांसद बनाया. अकोला-पुर्णा रेल मार्ग का ब्राडगेज, यवतमाल-नांदेड रेलमार्ग, वाशिम में उडान पुल के काम के साथ दोनों ही जिलों में विविध विकास कार्य किये. आगे भी दोनों जिलों की जनता का कार्य ही मेरे लिए सर्वपरी रहेगा. सम्मेलन में विधायक लखन मलीक, पूर्व विधान परिषद सदस्य गोपीकिसन बाजोरिया, हिंगोली के सांसद हेमंत पाटील ने भी अपने विचार व्यक्त किये.
इस अवसर पर राकांपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नथ्थु कापसे ने उनके सैकडों समर्थकों, सरपंच संगठन के सदस्य व विविध राजनीति दलों के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने शिवसेना (शिंदे गुट) में प्रवेश किया. कार्यक्रम का संचालन प्रा. दिलीप जोशी ने किया. इस समय मंगरुलपीर तहसील के चांदई स्थित बंजारा समाज की महिलाओं ने पारंपारिक वेशभूषा में उपस्थितों का पुष्पहार से स्वागत सत्कार किया. सम्मेलन में लगभग 15 से 20 हजार नागरिक उपस्थित थे. सम्मेलन के पूर्व कार्यकर्ताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज चौक से मोटर साइकिल रैली निकाली. यह रैली पाटणी चौक, आंबेडकर चौक, बसस्थानक, आकोला नाका होते हुए वाटाणे लॉन पहुंची. इस समय संपूर्ण वाशिम शहर भगवामय हुआ.

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