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दो दिन में चिखलदरा नप ने कमाए 3 लाख रुपए

पर्यटन नगरी में बढी सैलानियों की संख्या

* बारिश का मजा लूटने दूर-दराज से आ रहे सैलानी
* दो दिन में करीब ढाई से तीन हजार वाहन पहुंचे चिखलदरा
* थानेदार पिदुरकर के मार्गदर्शन में लगा है कडा पुलिस बंदोबस्त
चिखलदरा/दि.29 – विदर्भ का नंदनवन कहे जाते चिखलदरा में इस समय रिमझिम बारिश के साथ ही मौसम बडा सुहाना बना हुआ है और इस पर्वतीय क्षेत्र के तमाम पहाड व घाटियां हरे-भरे हो गये है. ऐसे में प्राकृतिक नजारों के साथ ही सुहाने मौसम का आनंद लेने हेतु बडी संख्या में पर्यटक चिखलदरा पहंचने लगे है. जिनसे मिलने वाले एंटी टैक्स के चलते चिखलदरा नगरपालिका को अच्छी खासी आय हो रही है. विगत सप्ताहांत व साप्ताहिक अवकाश यानि शनिवार और रविवार को चिखलदरा आने वाले पर्यटकों की संख्या सबसे अधिक रही. इन दो दिनों के दौरान करीब ढाई से तीन हजार वाहन चिखलदरा पहुंचे. जिनमें सवार होकर चिखलदरा आने वाले पर्यटकों की संख्या 8 से 10 हजार रही.
बता दें कि, चिखलदरा नगर परिषद द्वारा बाहर से चिखलदरा आने वाले लोगों से एंट्री टैक्स लिया जाता है. जिसे आम बोलचाल की भाषा में ‘मुंडी टैक्स’ भी कहा जाता है. यह टैक्स ही चिखलदरा नगर परिषद की आय का सबसे बडा स्त्रोत है और विगत दो दिनों के दौरान ही चिखलदरा नगरपालिका ने मुंडी टैक्स के रुप में करीब 3 लाख रुपए का राजस्व संकलित किया. इसके साथ ही वनविभाग के धामणगांव गढी चेक पोस्ट पर भी दो दिन में करीब सवा लाख रुपए की आय हुई. शनिवार और रविवार को चिखलदरा पहुंचने वाले सैलानियों की भारी भरकम संख्या के चलते पर्यटन नगरी के सभी होटल हाउसफुल्ल थे. ऐसे में कई लोगों को यहां पर रुकने के लिए रुम नहीं मिली, तो वे परतवाडा जाकर रुके. जिसकी वजह से परतवाडा के भी सभी होटल हाउसफुल्ल हो गये थे. वहीं सैकडों लोग चिखलदरा में ही सडक किनारे अपने वाहन खडे करते हुए अपने वाहनों में ही सोने हेतु मजबूर दिखे.
उल्लेखनीय है कि, अवकाश वाले दिनों के दौरान चिखलदरा में हाने ेवाली भीडभाड के मद्देनजर पहाडी रास्तों पर सडक हादसों को टालने हेतु प्रशासन ने चिखलदरा से निकलने वाले दोनों रास्तों को आने व जाने हेतु वन वे कर दिया है. जिसके तहत परतवाडा से धामणगांव गढी होते हुए चिखलदरा आया जा सकता है और चिखलदरा से सेमाडोह होते हुए परतवाडा वापिस जाया जा सकता है. ऐसे में धारणी से सेमाडोह होते हुए चिखलदरा जाने की चाहत रखने वाले लोगों को नाहक ही परतवाडा से फेरा लगाकर चिखलदरा जाना पड रहा है. इसके अलावा भले ही चिखलदरा पुलिस के थानेदार आनंद पिदुरकर की अगुवाई में पूरी पर्यटन नगरी में पुलिस का बंदोबस्त तैनात किया गया है और पुलिस के पथक द्वारा लगातार पेट्रोलिंग भी की जा रही है. लेकिन इसके बावजूद भी चिखलदरा आने वाले सभ्य व संभ्रांत परिवारों के साथ ही गुंडातत्व द्वारा दादागिरी करने तथा युवतियों के साथ छेडखानी करने के मामले घटित हो रहे है. इसके साथ ही कुछ गुंडातत्व युवकों द्वारा जानबूझकर दूसरे लोगों की गाडियों के साथ अपने वाहनों की टक्कर करते हुए वादविवाद करने का काम किया जाता है, ताकि पर्यटकों से धन उगाही की जा सके. ऐसे में साप्ताहिक अवकाश वाले दिनों के दौरान चिखलदरा में पुलिस बंदोबस्त को बढाये जाने की सख्त जरुरत है.
बता दें कि, चिखलदरा में व्यापार व्यवसाय करने वाला हर व्यापारी यह चाहता है कि, चिखलदरा आने वाले पर्यटकों की संख्या बढे और पर्यटकों से मुंडी टैक्स लेने वाले पालिका प्रशासन द्वारा चिखलदरा में पर्यटकों हेतु सुविधाएं भी बढाई जाये, ताकि पर्यटकों की चिखलदरा यात्रा सुखद एवं यादगार रहे. परंतु पर्यटकों से अच्छी खासी आय मिलने के बावजूद भी चिखलदरा नगर परिषद प्रशासन द्वारा चिखलदरा शहर में पर्यटकों की संख्या के लिहाज से मूलभूत सुविधाएं बढाई नहीं जा रही. जिसके चलते चिखलदरा आने वाले पर्यटकों को भारी असुविधाओं का सामना करना पडता है.
सबसे विशेष बात यह है कि, इस समय चिखलदरा नगर परिषद में कोई पूर्णकालिक मुख्याधिकारी नहीं है और पूरा कामकाज प्रभारियों के भरोसे चल रहा है. जिसकी वजह से चिखलदरा नगर परिषद द्वारा कोई ढंग का नियोजन ही नहीं किया जा रहा. ऐसे में नाके पर लाखोें रुपए का टैक्स वसूलने के बावजूद नगरपालिका प्रशासन की ओर से पर्यटकों हेतु कोई सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही. चिखलदरा शहर में कई स्थानों पर सार्वजनिक स्वच्छता गृह व शौचालयों की व्यवस्था नहीं है. साथ ही दर्शनीय प्वॉईंट पर सूचना फलक भी नहीं लगे है और दर्शनीय प्वॉईंट्स पर पर्यटकों हेतु बैठने की व्यवस्था भी नहीं है. इसके अलावा चिखलदरा शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था का नितांत अभाव है. साथ ही पार्किंग वाली जगह पर पूरा दिन आवारा पशुओं का डेरा लगा रहता है. इससे पर्यटकों को अपने वाहन पार्क करने में काफी समस्या व दिक्कतों का सामना करना पडता है. इन तमाम असुविधाओं व अव्यवस्थाओं को देखते हुए चिखलदरा आने वाले पर्यटकों द्वारा सवाल पूछे जाते है कि, जब चिखलदरा में पर्यटकों के लिए कोई सुख-सुविधाएं भी नहीं है, तो फिर चिखलदरा नगर परिषद द्वारा किस बात के लिए पर्यटकों से मुंडी टैक्स लिया जाता है.
इसी तरह धामणगांव गढी स्थित वनविभाग के चेक पोस्ट पर भी पर्यटकों से पैसे वसूले जाते है. मगर उस रकम को किस काम पर खर्च किया जाता है. इसका कभी पता ही नहीं चलता. इससे भी पर्यटकों में अच्छी खासी नाराजगी है. इन तमाम बातों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि, चिखलदरा नगर परिषद द्वारा आगामी त्यौहारी सीजन के शुरु होने से पहले पर्यटन नगरी में सैलानियों हेतु तमाम आवश्यक प्रबंध किये गये है. क्योंकि अगस्त व सितंबर माह में पर्व एवं त्यौहारों के चलते कई अवकाश पडेंगे. साथ ही इसके बाद ठंड का मौसम रहेेगा और इस दौरान चिखलदरा आने वाले पर्यटकों की संख्या में अच्छा खासा इजाफा होने की पूरी संभावना है.

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