चिखलदरा पुलिस ने करवाई शिव भक्तों को धारगड यात्रा
2030 श्रध्दालुओं ने किए शिवलिंग के दर्शन

* 620 वाहनों के साथ कडी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था
चिखलदरा/ दि. 27– महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर चिखलदरा पुलिस स्टेशन की सीमा अंतर्गत आनेवाले धारगड में यात्रा का आयोजन किया जाता है. जिसमें हजारों शिवभक्त दर्शन के लिए आते हैं. चिखलदरा पुलिस द्बारा आकोट तहसील के सुदुरवर्ती क्षेत्र में स्थित लेकिन चिखलदरा पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर स्थित धारगड में चिखलदरा पुलिस द्बारा सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से बंदोबस्त लगाया जाता है. धारगड की यात्रा कठिन यात्रा है. इसमें लगभग 25 किलोमीटर पैदल चलना होता है और यह मुख्य सडक से 37 किलोमीटर की दूरी पर है.
बुधवार शिवरात्रि के पर्व पर चिखलदरा के थानेदार मसराम और उनकी टीम ने धारगड में बंदोबस्त लगाया और पूरे दिन 2030 श्रध्दालुओं को धारगड स्थित शिवलिंग के दर्शन करवाए. चिखलदरा पुलिस ने सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के लिए चार पहिया और दुपहिया ऐसे मिलाकर कुल 620 वाहनों की व्यवस्था की गई थी. उल्लेखनीय है कि धारगड में एक प्राचीन शिव मंदिर है जो नरनाला किले के समीप सतपुडा पर्वत श्रृंखला में 3 हजार फीट की उंचाई पर स्थित है. यहां एक आयताकार गुफा है. जिसमें दो स्वयंभू शिवलिंग और एक नंदी है. भगवान शिव का यह शिवलिंग कब और कैसे बना इसका इतिहास में कोई ठोस प्रमाण नहीं है. हालाकि इसके बारे में किंवदंतियां सुनी जा सकती हैै. धारगड अमरावती जिले के चिखलदरा तहसील में स्थित है. धारगड पहुंचने का सबसे सुविधाजनक मार्ग अकोला जिले के अकोट से है.
विदित हो कि धारगड पहले एक सुदुर क्षेत्र था. लेकिन अब बसों और निजी वाहनों द्बारा वहां पहुंचा जा सकता है. आकोट से धारगड पैदल लगभग 25 किमी और मुख्य सडक से 37 किमी की दूरी पर है. अधिकांश शिव भक्त पैदल ही जाते हैं. आकोट से 25 किमी दूर पूर्णा नदी से जल भर कर कावड लेकर श्रध्दालु आकोट से पोपटखेड जाते है और शिवलिंग पर जल चढाकर जलाभिषेक करते हैं. यहां श्रावण माह में भी शिव भक्तों का तांता लगा रहता है. यहां पर प्रकृति की सुंदरता खिली हुई है. बरहाल चाहे श्रावण मास हो या महाशिवरात्रि यहां चिखलदरा पुलिस को सुरक्षा देनी हो तो पुलिस को चिखलदरा से अंजनगांव होते हुए आकोट और वहां से धारगड जाना पडता है.
इस साल बुधवार को महाशिवरात्रि पर्व पर एसपी विशाल आनंद के नेतृत्व में चिखलदरा के थानेदार मसराम और उनकी टीम ने कडा बंदोबस्त लगाया और श्रध्दालुओं को दर्शन करवाए. महाशिवरात्रि पर पूरे दिन 2030 श्रध्दालुओं ने स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन किए. सुरक्षा व्यवस्था में पीआई मसराम के साथ पुलिस हे.कॉ. विनोद, अनिल कापडे, मनोज खडके, अशोक हेकडे के साथ आकोट ग्रामीण पुलिस अधिकारी, अंमलदास और 40 से 45 वनरक्षक, 10 अधिकारी, 150 से अधिक कर्मचारी शामिल थे.