* आरोपी का पुलिस पाटिल पद जाएगा
अमरावती /दि. 20– चिखलदरा तहसील के रेट्याखेडा ग्राम निवासी कालमी शेलुकर नामक वृद्ध महिला को चिखलदरा पुलिस द्वारा न्याय मिलने से वह 10 दिनों बाद शुक्रवार की शाम अमरावती पहुंचकर जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से मिली और आपबिती सुनाई. यह खबर प्रकाशित होते ही जिला पुलिस अधीक्षक विशाल आनंद ने तत्काल पत्रकार परिषद लेते हुए घटना को गंभीर बताकर कार्रवाई में गति लाई. एसपी के निर्देश के बाद चिखलदरा के थानेदार को घटनास्थल वाला गांव दिखाई दिया. एसपी द्वारा अपने अधिकारी को आडेहाथो लिए जाने के बाद वे रेट्याखेडा पहुंचे. तब तक सादा बयान भी नहीं लिया गया था.
शनिवार को इस वृद्ध महिला के साथ हुई घटना की खबर अखबारो में प्रकाशित हुई. खबर प्रकाशित होते ही एसपी विशाल आनंद ने वहां के थानेदार आनंद पिदुरकर को प्रकरण की सच्चाई जानने के लिए शनिवार को सुबह ही रेट्याखेडा भेजा. शिकायत में चटके का उल्लेख है. उसमें धिंड निकालने व पेशाब पिलाने का उल्लेख नहीं है, ऐसा स्थानीय पुलिस का दावा है. लेकिन घटना में चटके देने का उल्लेख रहने के बावजूद चिखलदरा पुलिस ने 7 जनवरी के बाद उस एफआईआर को निकालकर भी नहीं देखा, यह स्पष्ट हुआ है. पुलिस ने ना शिकायतकर्ता को बुलाया और ना ही संदिग्ध आरोपी को बुलाया. साथ ही पुलिस घटनास्थल पर भी नहीं पहुंची.
* एसपी कहते है पांच आरोपी
चिखलदरा पुलिस ने इस प्रकरण में 7 जनवरी को 0.21 बजे मारपीट का मामला दर्ज किया. इसमें चार आरोपियों का समावेश है. प्रत्यक्ष में शनिवार को इस प्रकरण में पांच आरोपी रहने की जानकारी दी. पांचों आरोपियों को कब्जे में लिया गया. साथ ही एसपी ने अंधश्रद्धा निर्मूलन के पदाधिकारियों से भी चर्चा की. इस प्रकरण की संपूर्ण जानकारी पुलिस विभाग के वरिष्ठो सहित सीएमओ को देने की भी जानकारी एसपी विशाल आनंद ने दी.
* 10 दिन जांच नहीं, कार्रवाई निश्चित
चिखलदरा पुलिस ने जानबुझकर इसमें अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून के तहत कार्रवाई नहीं की. यह उनसे गलती हुई है, यह देखा जाएगा. किसी भी परिस्थिति में गलती हुई होगी तो वह गलती ही है, जांच के बाद यह स्पष्ट होगा. पश्चात कार्रवाई की दिशा निश्चित होगी, ऐसा विशाल आनंद ने स्पष्ट किया. आरोपी पुलिस पाटिल यह नागरिक और पुलिस का समन्वयक रहने से उसे पद से निकालनेबाबत हम जिलाधिकारी से बातचित करेंगे, ऐसा भी एसपी ने कहा.