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चिखलदरा को पर्यटन के लिए बताया सक्षम
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वनविभाग को चाहिए नया प्रस्ताव
अमरावती/दि.15 – विदर्भ क्षेत्र के एकमात्र हिलस्टेशन चिखलदरा में बनने जा रहे एशिया के सबसे पहले स्कायवॉक को पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा हरी झंडी दिखा दी गई है. इस संदर्भ में विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में चिखलदरा को पर्यटकों सहित पर्यटन का दबाव सहन करने हेतु पूरी तरह से सक्षम बताया गया. साथ ही यह भी कहा गया कि, स्काय वॉक के बाद ही पर्यटन को गति देनेवाले दो नये प्रकल्प आगे चलकर चिखलदरा में बनाये जा सकते है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक चिखलदरा स्काय वॉक प्रकल्प का काम जमीन से काफी उपर उंचाई पर होनेवाला है. ऐसे में इसका परिणाम परिसर की वनस्पतियों तथा वन्यजीवों पर नहीं होता. साथ ही इस प्रकल्प हेतु आवश्यक वन जमीन 1 हेक्टेयर से कम रहने के चलते इस हेतु अनुमति प्राप्त करने की जरूरत भी नहीं है. पर्यावरण विशेषज्ञों से प्राप्त रिपोर्ट को सिडको द्वारा एक प्रस्ताव के तौर पर ऑनलाईन व ऑफलाईन पध्दति से वन एवं वन्यजीव विभाग के पास भेजा गया है. जिसके बाद मेलघाट वन्यजीव विभाग द्वारा इस प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है और इस जांच-पडताल में पायी गई त्रृटियों को दूर करने हेतु सिडको के पास दुबारा पत्र भेजा जायेगा और नये सिरे से प्रस्ताव पेश करने हेतु कहा जायेगा. पता चला है कि, सिडको पर्यायी वनीकरण सहित वन्यजीवों की आवश्यकता के मद्देनजर पांच से छह स्थानों पर कृत्रिम जलस्त्रोत बनाने के लिए तैयार है. वहीं वन व वन्यजीव विभाग को इस संदर्भ में नया प्रस्ताव चाहिए है.
स्कायवॉक को लेकर सिडको द्वारा पेश किये गये प्रस्ताव में कुछ त्रृटियां है. जिसके संदर्भ में सिडको को जानकारी दे दी गई है. उन त्रृटियों की पूर्तता करने के बाद इस प्रस्ताव को वरिष्ठों के पास भेज दिया जायेगा.
– नवलकिशोर रेड्डी
उप वन संरक्षक, मेलघाट वन्यजीव विभाग, परतवाडा
स्काय वॉक का नियोजन गडबडाया
41 करोड रूपये के अनुमानित खर्च से बनाये जा रहे चिखलदरा स्काय वॉक को वर्ष 2021 में पर्यटकों के लिए खोल दिया जाना अपेक्षित था. स्काय वॉक के निर्माण पर लगनेवाले 41 करोड उसके 6 करोड रूपयों के ब्याज एवं 7 करोड रूपये के प्रशासकीय खर्च को मिलाकर आगामी सात वर्षों में पर्यटन के जरिये 84 करोड रूपये का राजस्व जुटाने का नियोजन सिडको द्वारा अपने स्तर पर किया गया था. इसके तहत सोमवार से शुक्रवार तक प्रति व्यक्ति 100 रूपये तथा शनिवार व रविवार को प्रति व्यक्ति 200 रूपये का शुल्क पर्यटकों से लिया जाना था. किंतु सरकारी विभागों के बीच चल रही आपसी सिरफुटव्वल और कागजी खानापूर्ति के चलते इस स्काय वॉक का काम अधर में लटका हुआ है और सिडको द्वारा किया गया पूरा नियोजन भी धरा का धरा रह गया है.