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चिखलदरा के स्काय वॉक को हरी झंडी

आनन-फानन में बुलाई वन्यजीव बोर्ड की बैठक

* और भी आधा दर्जन प्रकल्पों को मंजूरी
* एक साल से लटका था स्काय वॉक का काम
अमरावती/दि.22 – करीबन 1 वर्ष से अटके चिखलदरा के चर्चित स्काय वॉक के निर्माण में अब गति आने की संभावना है. 35 करोड रुपए के विकास प्रकल्प को राज्य शासन के वन्यजीव बोर्ड ने स्वीकृति दे दी है. वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने बुधवार को बोर्ड के नये सदस्यों के साथ आनन-फानन में बैठक आहूत कर अन्य 6 प्रकल्पों-परियोजनाओं को भी हामी भर दी. जिससे रेल और सडक परिवहन के साथ-साथ विकास कार्यों को अब गति मिलेगी. हालांकि कुछ प्रकल्पों पर कुल लागत का 4 प्रतिशत धन जंगल बढाने के काम पर खर्च करना पडेगा.
* तीसरी रेल लाईन को मंजूरी
वन्यजीव बोर्ड की बैठक में राजनांदगांव-कलमना के बीच तीसरी रेल लाईन को भी जंगल से बनाने की इजाजत वन विभाग ने दे दी. करीब 35 हेक्टेअर जंगल हटाया जाएगा. उसे नागझिरा-कान्हा-नवेगांव कॉरिडोर से जोडा जा रहा है. वरसा-गडचिरोली रेल लाईन को भी मंजूरी दी गई है. इस रेल लाईन के कारण 72 हेक्टेअर बाघ प्रकल्प की वनभूमि प्रभावित होगी.
* बैठक को लेकर आरोप
वन्यजीव बोर्ड के मनोनीत सदस्यों को गत 8 सितंबर को हटा दिया गया. उनके स्थान पर नये सदस्यों को मुकर्रर किया गया. उसी प्रकार बुधवार की बैठक बहुत अर्जेंट और गोपनीय तरीके से बुलाये जाने का आरोप लग रहा है. अनेक सदस्यों को ऐन समय पर बोर्ड की बैठक होने की जानकारी दी गई. इसके पीछे कहा जा रहा है कि, किसी प्रकल्प का विरोध न हो, इसलिए चुपचाप और आनन-फानन में बैठक ली गई.
* मुकूटबन में सीमेंट प्रकल्प
वन्यजीव की बैठक में ताडोबा बाघ संरक्षण क्षेत्र से सटे टिपेश्वर वन्यजीव विभाग ने 2 हजार करोड रुपए के चूना खदान को भी मंजूर किया गया. यह मुकूटबन सीमेंट प्रकल्प से जुडा रहने की बात कहीं जा रही है. इस बैठक में सहभागी बने सदस्यों ने कहा कि, सभी रुके पडे प्रकल्पों को धडाधड मंजूरी देने के लिए ही कदाचित यह सभा आयोजित की गई. जिसमें अनेक अटके पडे प्रकल्पों को स्वीकृति देकर आगे बढाया गया है. चिखलदरा हिल स्टेशन का स्काय वॉक सिडको द्बारा बनवाया जा रहा. 35 करोड के प्रकल्प का ठेका इंदौर की कंपनी को दिया गया है. पिछले 12-13 महीनों से काम रुका पडा था. अब जंगल महकमें की मंजूरी से वह आगे बढेगा.

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