अमरावतीमहाराष्ट्र

पूरे वर्ष में बालविकास विभाग ने जिले में रोके 19 बालविवाह

चांदूर बाजार तहसील में सर्वाधिक 10 विवाह रोकने में सफलता

अमरावती /दि.06– बालविकास विभाग ने पुरे वर्ष में जिले में होने वाले 19 बालविवाह रोके है. 2022 में 22 बालविवाह रोकने में इस विभाग को सफलता मिली थी. इन सभी प्रकरणो में दोषी के खिलाफ मामले दर्ज किए गए है.
शिक्षण सहित खेलकूद की आयु में मानसिक शारीरिक रुप से तैयार न रहते किसी लडकी का विवाह होने पर उससे मानसिक व शारीरिक समस्या का सामना करना पड सकता है. इस कारण बालिक होने के पूर्व अथवा लडकी 18 वर्ष की होने के बाद और लडका 21 साल का होने के बाद ही उसका विवाह करने का आवाहन महिला व बालविकास विभाग द्वारा किया गया. सितंबर माह से चाईल्ड लाईन बालविकास विभाग में शामिल होने से इस विभाग कार्यक्षमता में बढोत्तरी हुई. वर्षभर में जिले में चांदूर बाजार तहसील में 10, अंजनगाव सुर्जी तहसील में 2, अमरावती तहसील में 3, वरुड, चांदूर रेल्वे, चिखलदरा और दर्यापुर तहसील में प्रत्येकी एक बालविवाह रोके गए है.

महिला व बालकल्याण अधिकारी कार्यालय के जिला बाल संरक्षण कक्ष, ग्रामपंचायत, शासकीय कार्यालय के एकत्रित प्रयासो से बालविकास विभाग के दल ने घटनास्थल पहुंचकर बालविवाह रोकने सहित लडका-लडकी और दोनों के पालक व रिश्तेदारों का समुपदेशन कर उनसे दोनों के विवाह बालिक होने के बाद ही करवाने की जानकारी लिखित रुप से ली. बालविवाह रोकने के लिए जनजागरण आवश्यक है.

* ऐसा है सजा का प्रावधान
बालविवाह बंदी कानून के तहत 18 साल से कम आयु की लडकी और 21 साल से कम आयु के लडके का विवाह करना अपराध है. इसके लिए दोषी पाए जाने पर 2 साल की सश्रम कारवास की सजा और एक लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है. बालविवाह करना, विवाह निश्चित करनेवाले और विवाह करवानेवाले व विवाह में उपस्थितो पर भी मामले दर्ज हो सकते है.

* वर्तमान में बालविवाह मुक्त अभियान शुरु
जिले में वर्तमान में बालविवाह मुक्त अभियान चलाया जा रहा है. कहीं भी बालविवाह न होने के लिए यंत्रणा सतर्क है. बालविवाह प्रतिबंधक अधिकारी भी सतर्क रहकर काम कर रहे है.
– अजय डबले, जिला बाल संरक्षण अधिकारी.

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