बालश्रम योजना कर्मियों को सरकारी सेवा में किया जाए शामिल
जिलाधीश के जरिए केंद्र सरकार को भेजा गया पत्र
अमरावती/दि.10 – ऑल इंडिया राष्ट्रीय बाल कामगार प्रकल्प कर्मचारी संगठन की जिला शाखा द्बारा आज जिलाधीश पवनीत कौर के जरिए केंद्र सरकार के नाम ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि, राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना में काम करने वाली कर्मचारियों को सरकारी सेवा में समायोजित करने के साथ ही उन्हें सरकारी कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए.
इस ज्ञापन में कहा गया कि, वर्ष 1994 से महाराष्ट्र में राष्ट्रीय बालश्रम परियोजना अंतर्गत विभिन्न जिलों में विशेष बालश्रम स्कूल कार्यरत थे. जिनके जरिए हजारों बाल श्रमिकों को शिक्षा की मुख्य धारा में लाया गया. इस परियोजना को सफल बनाने हेतु परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों का पूरा जीवन खप गया. विगत वर्ष ही केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना को समग्र शिक्षा अभियान में शामिल किया है. परंतु विशेष बाल श्रम शालाओं में कार्यरत शिक्षकों व शिक्षकोत्तर कर्मचारियों का समायोजन नहीं किया गया है. जिसकी वजह से इस योजना के तहत विशेष बाल श्रम शालाओं में कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी अब बेरोजगार होकर भुखमरी की कगार पर आ गए है. अत: ऐसे शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की समस्याओं पर सरकार द्बारा सहानुभूतिपूर्वक ढंग से विचार किया जाना चाहिए.
ज्ञापन सौंपते समय संगठन के प्रमुख संगठक धर्मशील मेश्राम व जिलाध्यक्ष सुरेखा तायडे सहित रुचिदा कपाले, काजल ठाकुर, फरिदा खान, शारदा मसराम, असर अहमद अब्दूल सत्तार, नफीसा परवीन, शाहिस्ता परवीन, कमर अफरोज, वैशाली केने, प्रशांत वाटाणे, मोहम्मद इमरान व सैयद वसीम सहित अनेकों शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे.