* अमरावती में चार माह दौरान 12 मामले उजागर
अमरावती/दि.14- राष्ट्रीय परिवार कल्याण सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2019-20 में 18 वर्ष से कम आयु वाली नाबालिग लड़कियों का विवाह करवाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इस वर्ष 18 वर्ष से कम आयु वाली लड़कियों के 21.9 फीसद तथा 21 वर्ष से कम आयु वाले लड़कों के 10.5 फीसद विवाह संबंधी मामले सामने आये हैं. देश में यह प्रमाण राज्य के अनुपात की अपेक्षा कम है. देश में लड़कियों के बालविवाह का प्रमाण 23.3 फीसद तथा लड़कों के बालविवाह का प्रमाण 17.7 फीसद जारी आर्थिक वर्ष 2022-23 के दौरान अप्रैल से अक्तूबर माह तक अमरावती जिले में बालविवाह संबंधी कुल 12 मामले उजागर हुए. जिसमें से सर्वाधिक सात मामले अकेले मई माह में सामने आये. इसके अलावा अप्रैल में चार व जुलाई में एक मामला उजागर हुआ.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के अनुसार राज्य के उस्मानाबाद, औरंगाबाद, अहमदनगर, लातुर व पुणे में बालविवाह का प्रमाण सबसे अधिक है. चौथे सर्वेक्षण की तुलना में यद्यपि इस वर्ष बालविवाहों की संख्या घटी है. लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भी जिस तरह से बालविवाह हो रहे हैं, उसे चिंताजनक स्थिति कहा जा सकता है. ऐसे में चाईल्ट हेल्पलाईन व जिला बालकल्याण समिति द्वारा संयुक्त रुप से काम करते हुए संबंधित थाना पुलिस की सहायता लेते हुए अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत होने वाले बालविवाहों को रोकने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं. ताकि नाबालिग लड़के-लड़कियो के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को बचाये जा रखा जा सके.
*इस वजह से बढ़े मामले
अमरावती मेंं चाईल्ड हेल्पलाईन का काम श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के जरिए चलाया जाता है. चाईल्ड हेल्पलाईन के मुताबिक अक्सर गरीबी और ग्रामीण पृष्ठभूमि से वास्ता रखने वाले लोग अपनी लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की आयु से पहले ही कर देते हैं, ताकि उन्हें जिम्मेंदारियों से छुटकारा मिल जाये. विगत ढाई वर्ष के दौरान कोविड संक्रमण के चलते लगाये गये लॉकडाऊन की वजह से कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के लिये अपना उदर निर्वाह करना कठिन हो गया था. इस दौरान स्कूल व कॉलेज भी बंद रहने के चलते लड़कियां घर पर ही थी. जिन्हें देख-देखकर माता-पिता की चिंता और अधिक बढ़ने लगी थी. ऐसे में आगे चलकर अपना खर्च बचाने और लॉकडाउन काल के दौरान आये अच्छे रिश्ते को लपक लेने की मानसिकता के चलते लड़कियों की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने से पहले ही उनका विवाह करा देने की प्रवृत्ति काफी अधिक बढ़ गई. ऐसा हव्याप्रमं चाईल्ड लाईन के समन्वयक डॉ. काले व वाघमारे द्वारा बताया गया.
कैसे काम करती है चाईल्ड लाईन
केंद्र सरकार द्वारा चाईल्ड हेल्पलाईन नामक संस्था को संचालित किया जाता है. वहीं राज्य सरकार के जरिए चाईल्ड राईट्स यानि क्राय नामक संस्था काम करती है. इन संस्थाओं द्वारा सभी जिलों-शहरों व ग्रामीण इलाकों में अंगनवाड़ी सेविकाओं व आशा सेविकाओं सहित पुलिस पाटिलों की मदद से काम करते हुए बालविवाह के मामलों को रुकवाने का प्रयास किया जाता है. साथ ही ऐसे मामले पकड़े जाने पर वर एवं वधु पक्ष के लोगों को विवाह रद्द करने के बारे में समझाया जाता है और उनसे इस संदर्भ मेंं गारंटी पत्र भी लिखवाया जाता है. साथ ही जो परिवार बालविवाह करने पर अड़े रहते हैं, उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी की जाती है.
बालविवाह का प्रमाण
राज्य शहरी ग्रामीण कुल
लड़कियां 15.7 27.6 21.9
लड़कें 9.6 11.3 10.5
देश शहरी ग्रामीण कुल
लड़कियां 14.7 27.0 23.3
लड़के 11.3 21.1 17.7