
अमरावती /दि.28- कैंसर की बीमारी काफी गंभीर है. लेकिन पहले स्टेज में रही, तो वह ठीक हो सकती है. पिछले कुछ साल में कुछ बालकों में कैंसर दिखाई दे रहा है. बदली जीवनशैली, खानपान में बदलाव, अनुवांशिकता के कारण छोटे बच्चों में यह बीमारी होने का प्रमाण बढ रहा है. जिले में फिलहाल छोटे बच्चों के कैंसर का प्रमाण कम रहा, तो भी पालकों को अपने बच्चों पर ज्यादा ध्यान देना आवश्यक है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है.
कुछ लोगों को अनुवांशिक भी कैंसर होता दिखाई देता है. छोटे बच्चों में ल्यूकेमिया, मस्तिष्क और रीढ की हड्डी का ट्यूमर, लिम्फोमा, न्युरोब्लास्टेोमा, ब्लड कैंसर, मूत्र पिंड की गैफ आदि तरह के कैंसर का प्रमाण दिखाई देता है. इस कारण कैंसर पर अनदेखी न करते हुए समय पर उपचार करना आवश्यक है. साथ ही बच्चों का विशेष ध्यान रखना भी आवश्यक है.
* जल्द निदान होने पर ठिक होना संभव
कैंसर का जल्द निदान हुआ तो समय पर आवश्यक उपचार कर उस पर मात करना अब संभव है. छोटे बच्चों में दिखाई देने वाले कैंसर का अनेक बार जल्द निदान नहीं होता, क्योंकि 6 से 7 माह के बच्चे को होने वाली तकलीफ बतायी नहीं जा सकती. इस कारण कुछ बच्चे अस्पताल में पहुंचने के पूर्व ही दम तोड देते है, ऐसा तज्ञों का कहना है.
* कारण क्या?
कम आयु में कैंसर होने के 4 मुख्य कारण है. बिगडी हुई जीवनशैली के कारण प्रोस्टेट कैंसर, थायरॉइड कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के प्रकरण तेजी से बढते रहने की बात रिपोर्ट में कही गई है. समय पर नींद न लगने की आदत और जीवनशैली में सक्रियता न रहने से यह बीमारी बढ रही है.
* कौनसी जांच आवश्यक है?
कैंसर का निदान करने के लिए रक्त जांच, इमेजिंग, बायोप्सी, एंडोस्कोपिक जांच, शस्त्रक्रिया, अनुवांशिक जांच आदि का समावेश रहता है.
* सावधानी कौनसी बरतोगे?
अब कैंसर की बीमारी छोटे बच्चों को भी हो रही है. इससे बचने के लिए जंक फुड खाना डालना चाहिए. समय पर सोना, लक्षण दिखाई देने पर तत्काल डॉक्टरों को दिखाकर उपचार करवाना, जन्म के समय का वजन, पालक की आयु और जन्मजात विसंगति जैसे घटक बचपन के कैंसर से संबंधित है.
* मां की बुरी लत का बच्चे पर परिणाम
छोटे बच्चों में ल्यूकेमिया, ट्यूमर, लिम्फोमा, न्यूरोब्लास्टोमा, ब्लड कैंसर आदि कैंसर के प्रकार पाये जाते है. बदली जीवनशैली और मां की बुरी लत यह पेट के बच्चे पर परिणाम करती है.
– डॉ. भावना सोनटक्के,
कैंसर रोग तज्ञ.
* 200 से अधिक कैंसर के प्रकार
200 से अधिक प्रकार के कैंसर है. स्नत का कैंसर, फुफ्फुस का साधा कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, कोलोरेक्टान कैंसर, मेलेनोमा, अधिवृक्क कैसर, एम्यूलरी कैंसर आदि प्रकार भी पाये जाते है.