अमरावती/दि.31– विगत 4 मार्च से स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के समक्ष प्रकल्पग्रस्त किसानों को उनकी जमीनों का वृध्दिंगत मुआवजा मिलने के साथ ही विभिन्न मांगों के लिए विदर्भ बलिराजा प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिती द्वारा अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जा रहा है. साथ ही इस आंदोलन के तहत श्रृंखलाबध्द अनशन भी किया जा रहा है. इसके तहत गत रोज आंदोलनकारियों ने छोटे-छोटे बच्चों को आंदोलन स्थल पर लाकर आंदोलन व प्रदर्शन में शामिल किया था. जिसके लिए संघर्ष समिती के अध्यक्ष मनोज चव्हाण सहित कुल 13 लोगों के खिलाफ गाडगेनगर पुलिस थाने में अपराधिक मामला दर्ज किया गया है.
इस संदर्भ में शहर पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ती में कहा गया है कि, 30 मार्च को सुबह 11 बजे आंदोलनकारियों ने 60 से 70 छोटे बच्चे-बच्चियों व विद्यार्थियों को आंदोलन स्थल पर लाया था. जबकि इससे पहले पुलिस द्वारा समिती के अध्यक्ष मनोज चव्हाण को लिखीत तौर पर सुचित किया गया था कि, इस समय भीषण गर्मी पड रही है और ग्रीष्म लहर के आने के खतरे को देखते हुए अमरावती जिले हेतु यलो अलर्ट जारी किया गया है. अत: छोटे बच्चों को इस आंदोलन में शामिल न किया जाये. किंतु बावजूद इसके छोटे बच्चों को इस आंदोलन में शामिल करते हुए उनके स्वास्थ्य को खतरे में डाला गया. साथ ही पुलिस द्वारा दिये गये निर्देशों का उल्लंघन करते हुए छोटे बच्चों को जबरन आंदोलन में शामिल कर गैरकानूनी कृत्य किया गया. जिसके लिए मनोज चव्हाण, साहेबराव विधले, माणिकराव गंगावणे, रविंद्र जैन, अजय भोयर, राजा काले, दिलीप डेहने, अनिल मुंडे, मनोज तायडे, सुरेश डोंगरे, राजेश शिरधरे व सचिन ढवले इन 13 लोगों के खिलाफ बाल न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 व 83 (2), भादंवि की धारा 143 व 188 तथा मपोका की धारा 135 के तहत अपराध दर्ज किया गया.