अमरावती/दि.15 – स्थानीय संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन में साठवीं हौशी मराठी राज्य स्पर्धा के सफल आयोजन के बाद आगामी 20 से 22 मार्च के बीच अमरावती बाल नाट्य स्पर्धा का आयोजन किया गया है. इसके लिए अ.भा. मराठी नाट्य परिषद की स्थानीय शाखा को यजमान की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
राज्य नाट्य स्पर्धा के प्राथमिक राऊंड की तरह ही नाट्य स्पर्धा भी सांस्कृतिक भवन में होगी. स्पर्धा की शुरुआत 20 मार्च की सुबह होगी. इस स्पर्धा के लिए फिलहाल 16 नाट्य संस्थाओं द्वारा पंजीयन कराया गया है. इसमें आदिवासी पर्यावरण सामाजिक विकास बहुउद्देशीय संगठन,माणुसकी मल्टीपर्पज फाउंडेशन,वीर हनुमान मंडल, चिमणी उड़ान बहुउद्देशीय संस्था, युवा जागर कला केंद्र, हेल्पिंग हैन्ड्स मल्टीपर्पज सोसाइटी, कला दर्पण बहुउद्देशीय संस्था, स्पैडी ग्रुप ऑफ एंटरटेनमेंट, अद्वैत बहुउद्देशीय संस्था, कला रसिक सार्वजनिक वाचनालय, अभिरुचि कला व क्रीड़ा मंदिर, जनजागृति मंडल, विदूषक प्रतिष्ठान का समावेश है.
विदर्भ में अमरावती सांस्कृतिक शहर के रुप में विख्यात है. कला, साहित्य,गीत-संगीत, नाट्य सभी मोर्चों पर काम करने वाली संस्था-संगठन इस शहर की विशेषता है. इसके चलते इस वर्ष राज्य नाट्य स्पर्धा के साथ ही अमरावती को बालनाट्य स्पर्धा का आयोजन करने का सम्मान मिला है. इस आशय की जानकारी एड. चंद्रकांत डोरले ने दी.
स्पर्धा के दौरान क्षितिजाच्या पलीकड़े, आळशी राजू, बुलेट, बुद्धाची गोष्ट, उजगोबा, बुलेट ट्रेन, अनाथ, काल-आज-उद्या, इस्कोट, बाहुली, राखेतून उड़ाला मोर, जैसा राजा तैसी प्रजा, एकला चलो रे, लघुचित्रवाणी व खेल मदारीवाल्याचा नाटक का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा. वरिष्ठ नाट्यकर्मी डॉ. श्याम देशमुख, गणेश वानखडे, डॉ. सतीश सालुंखे, विवेक राऊत, अमोल जाधव, वसंत उके, धनंजय सरदेशपांडे नाटकों के लेखक हैं. इनमें से कुछ ने दिग्दर्शन भी किया है. इस बीच राज्य नाट्य स्पर्धा को जिस मात्रा में शहर के प्रेक्षकों ने प्रतिसाद दिया, उसी तरह का प्रतिसाद बाल नाट्य स्पर्धा को देने का आग्रह किया.