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सर्द हवाओं के थपेडों से बढी ठिठुरन

जिले में हर ओर मौसम हुआ सर्द

* पूरा दिन रहा बदरीला वातावरण
अमरावती/ दि.4 – विगत दो-तीन दिनों से शहर सहित जिले में तापमान में अच्छी-खासी गिरावट दर्ज हुई है. जिसकी वजह से ठंड का असर बढ गया है. साथ ही सर्द हवाओं के थपेडे चलते रहने की वजह से यह ठंड काफी ठिठुरन पैदा कर रही है. विगत 24 घंटे के दौरान शहर सहित जिले में न्युनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. जो सर्द हवाओं की वजह से 14 डिग्री सेल्सियस के बरामर महसूस हुआ. वहीं अधिकतम तापमान 22 से 23 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा. इसके अलावा आसमान पर बादल छाये रहने और धूप नहीं खिलने की वजह से भी ठंड का प्रमाण व असर अधिक महसूस हुए.
स्थानीय मौसम विज्ञानी प्रा. अनिल बंड के मुताबिक इस समय देश के उत्तरी क्षेत्र में अफगानिस्तान की ओर से आये पश्चिमी विक्षोभ की चक्रवाती हवाएं चल रही है, जिससे देश के उत्तरी राज्यों में कडाके की ठंड पडने के साथ ही कुछ स्थानों पर बर्फबारी भी हो रही है. ऐसे में उत्तरी भारत से निकलने वाली ठंडी हवाओं के चलते विदर्भ सहित समूचे महाराष्ट्र राज्य में ठंड का असर बढ गया है और मौसम काफी हद तक सर्द हो गया है. मौसम विभाग के मुताबिक इस समय अमरावती जिले में 13 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा प्रवाहित हो रही है और ठंड का असर बढने के बावजूद कोहरे वाली स्थिति नहीं बनी है. जिसके चलते दृश्यमानता पूरी तरह से साफ है, वैसे तो विगत 24 घंटे के दौरान अमरावती में अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान जताया गया था. परंतु आसमान पर बादल छाये रहने की वजह से धूप नहीं खिल पायी. जिसके चलते आज दिन के समय भी तापमान उंचा नहीं उठ पाया. ऐसे में जहां बीती रात न्युनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास था. वहीं आज दिन के समय अधिकतम तापमान का स्तर 22 डिग्री सेल्सियस के स्तर को ही छू पाया.
यहा यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत वर्ष 2022 में 4 जनवरी को अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तथा न्युनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस पर था और इस वर्ष भी मौसम व तापमान की स्थिति लगभग गत वर्ष की तरह ही है. ऐसे में यह अनुमान भी जताया जा रहा है कि, आगामी 3-4 दिनों के दौरान ठंड का असर थोडा और बढ सकता है तथा कडाके की ठंड पड सकती है.

जगह-जगह जलने लगी अलाव, गर्म कपडे भी बाहर निकले
नए साल की पूर्व संध्या पर लोगों में नववर्ष का स्वागत करने हेतु अच्छा-खासा उत्साह देखा गया, लेकिन 31 दिसंबर को शाम ढलते ही ठंड का असर बढने के चलते नववर्ष का स्वागत करने हेतु अपने घरों से बाहर निकलने वाले लोग गर्म कपडे पहनने के लिए मजबूर भी हुए. साथ ही कई स्थानों पर लोगबाग अलाव जलाकर आग तापते भी देखे गए.
खेती-बाडी के लिए पोषक है वातावरण
मौसम एवं कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक ठंडी का यह मौसम गेहूं व हरभरा जैसी फसलों के लिए बेहद लाभदायक है. यदि मौसम की यही स्थिति अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही बनी रहती है, तो इस बार रबी फसलों की उपज शानदार रह सकती है.

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