* सिंचाई अनुशेष पर बीटी और सुनील देशमुख सदैव साथ
अमरावती/दि.4- भाजपा के शहराध्यक्ष रहे किरण पातुरकर का पूर्व विधायक डॉ.सुनील देशमुख को चिखलदरा के आलाडोह तालाब प्रकरण में दिए गए उत्तर का पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे ने अपने अंदाज में प्रत्युत्तर दिया है. चिमोटे द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में कहा गया कि विदर्भ विकास की देशमुख को पातुरकर द्वारा सलाह देना बड़ी हास्यास्पद बात है. जो व्यक्ति बी.टी. देशमुख के साथ कंधे से कंधा लगाकर सिंचाई अनुशेष, विदर्भ विकास के मुद्दे पर सदन में संघर्ष करें, ऐसे डॉ. देशमुख को पातुरकर द्वारा मशविरा देने से बड़ी हंसी की बात नहीं हो सकती. पातुरकर को सच्चाई जानकर इस लड़ाई में उस समय सदन में नेता प्रतिपक्ष रहे और पातुरकर के हाइकमान देश के नेता नितिन गडकरी और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से पूछ लेना चाहिए.
चिमोटे ने कहा कि अमरावती पर अभी भी राज्यशासन की तरफ से अन्याय हो रहा है. सुनील देशमुख पत्रकार परिषद लेकर मामला न उठाते तो पीएम मित्र टैक्सटाइल पार्क औरंगाबाद ले जाने की पूरी तैयारी हो गई थी. डॉ. देशमुख ने संबंधित प्रस्ताव, पूरे कागज और ब्यौरे के साथ सत्तापक्ष पर दबाव डाला. जिससे जिले के दोनों सांसदों के ध्यान में भी यह प्रकल्प अमरावती में स्थापित करने जोर दिया. ऐसे ही पातुरकर बताए कि गत सालभर में अमरावती शहर को विकास के लिए कितनी निधि प्राप्त हुई है. जबकि नागपुर को गत 7-8 वर्षों में मेट्रो प्रकल्प, विविध केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाएं, 1 लाख करोड़ रुपए का निधि का वर्षाव, मनपा को काँक्रिट की सड़क बनाने 1 हजार करोड़ और हाल ही में दिए 8 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं. उसकी तुलना में अमरावती को कुछ भी नहीं मिला है. पातुरकर को चाहिए कि देशमुख पर व्यक्तिगत आरोप करने से बाज आये. इससे पातुरकर की ही जगहंसाई हो रही है.