* परसों से स्नातक विप सीट के नामांकन
अमरावती/दि.3- अमरावती संभाग स्नातक विधान परिषद सीट के आगामी 30 जनवरी को होने जा रहे चुनाव के लिए परसों 5 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरु होने जा रही है. इसलिए अब कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार तय करने की हड़बड़ी करती नजर आ रही. सूत्रों की माने तो राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य रहे डॉ. सुनील देशमुख अथवा उनके ही प्रबल समर्थक और अमरावती मनपा के पूर्व महापौर मिलिंद चिमोटे को उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में अमरावती संभाग में रोचक टक्कर के पूरे आसार हैं. अकोला से कांग्रेस नेता और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुधीर तांबे का नाम भी चर्चा में हैं. किन्तु अमरावती मंडल को मिली ताजा जानकारी के अनुसार डॉ. रणजीत पाटील के मुकाबले सुनील देशमुख को ही मैदान में उतारा जा सकता है.
उधर प्रशासन चुनाव की तैयारी में जुटा है. गुरुवार से नामांकन प्रक्रिया शुरु होगी. संभागायुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे पर चुनाव अधिकारी के रुप में जिम्मेदारी रहने वाली है. उन्हीं के पास नामांकन दाखिल करना रहता है.
अमरावती स्नातक सीट पर इस समय भाजपा के डॉ. रणजीत पाटील विधायक हैं. पार्टी ने सतत तीसरी बार डॉ. पाटील को ही उम्मीदवार घोषित किया है. पार्टी उनकी विधान परिषद चुनाव की तिकड़ी के लिए प्रयत्नशील है. सभी पांच जिले के कार्यकर्ता को काम पर लगा दिया गया है. स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं का अपेक्षित पंजीयन नहीं हो पाया. फिर भी पार्टी अपना दबदबा बरकरार रखने प्रयत्नशील है. जानकारों के मुताबिक एमएलसी चुनाव भी एक वजह है कि देवेन्द्र फडणवीस ने अमरावती और अकोला का पालकमंत्री पद अपने पास रखा है.
* चिमोटे की संभावना
मिलिंद चिमोेेटे को कांग्रेस ने अमरावती स्नातक सीट का संयोजक मनोनीत किया था. उन्होंने महीनेभर में पांच जिलों की 56 तहसीलों का दौरा कर पार्टीजनों को एकजुट करने और स्नातक मतदाता पंजीयन का अधिकाधिक काम करने के लिए प्रेरित किया था. उनके संपर्क बड़े उपयोगी सिद्ध होने की चर्चा है. इसी वजह से कांग्रेस पार्टी ने रणजीत पाटील के मुकाबले चिमोेटे को उतारने का निर्णय कर लेने की जानकारी प्राप्त हो रही है. यहां उल्लेखनीय है कि इस सीट पर कभी प्रा. बी.टी. देशमुख जैसे धुरंधर राजनीतिज्ञ का दबदबा रहा. वे सतत चार बार यहां से उच्च सदन पहुंचे थे. बीटी के लिए चिमोटे समर्थक कार्यकर्ता के रुप में कार्य कर चुके हैं. ऐसे में उनका नाम चर्चा में है. बल्कि उन्हीं के नाम पर मुहर लगने की संभावना पार्टी सूत्र जता रहे हैं. याद दिला दें कि चिमोेेटे एक बार पहले भी उच्च सदन का चुनाव लड़े थे. उस समय उन्हें जगदीश गुप्ता के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था.