रिध्दपुर में चिंतन संवाद शिविर
श्री चक्रधर स्वामी सामाजिक विचार प्रबोधन अभियान का आयोजन
मोर्शी/दि.1– मध्ययुगीय कालखंड के सुधारणावादी पुरोगामी आंदोलन के प्रणेता सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी व समाज सुधारक श्री गोविंद प्रभु के कृतिशील कार्यो के जनमानस में प्रचार व प्रसार होने की दृष्टि से सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी सामाजिक विचार प्रबोधन अभियान की ओर से महानुभाव पंथ के काशी तीर्थक्षेत्र रिध्दपुर में चिंतन संवाद शिविर हाल ही में संपन्न हुआ. इस शिविर के प्रथम सत्र के अध्यक्ष शरद पुसतकर तथा प्रमुख वक्ता के रूप में प्रा. डॉ. हसंराज जाधव, प्रा. डॉ. कल्पना मेहरे का बौध्दिक सत्र संपन्न हुआ.
सर्वप्रथम रिध्दपुर में वाजेश्वरी से मातंग विहीर तक सामाजिक एकता के उद्देश्य से समता यात्रा निकाली गई. उसके बाद उपस्थित मान्यवरों के हाथों दीप प्रज्वलन से चिंतन शिविर की शुरूआत की गई.
इस सामाजिक प्रबोधन अभियान का उद्देश्य, भूमिका इस संबंध में प्रा. संदीप तडस ने अपने प्रास्ताविकता से जानकारी दी.
सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामीं के तीन बंड व उनके सामाजिक कार्य संबंध में प्रा. डॉ. हंसराज जाधव ने परखंड रखकर वर्तमान समय में भी स्वामी के पुरोगामी विचारों की नितांत आवश्यकता होने का मत व्यक्त किया. अज्ञान, अंधश्रध्दा, सती होना जैसी प्रथा उस समय थी. स्वामीेेंनी स्त्रियों को धार्मिक व मानवी हक्क अधिकार दिलवाने. चक्रधर स्वामी की स्त्रीमुक्ति आंदोलन इस विषय पर प्रा. डॉ. कल्पना मेहरे ने विस्तारपूर्वक मार्गदर्शन किया. दूसरा सत्र प्रकाश मानेकर के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ. इसमें प्रबोधन अभियान कृति कार्यक्रम व खुला चर्चासत्र लिया गया. इसमें अभिमान का कृति ब्यौरा व आगे लेनेवाले उपक्रम संबंध में अनेकों ने अपने विचार व्यक्त किए.
5 सितबर यह सर्वज्ञ श्री चक्रधर स्वामी का अवतार दिन दिवाली जैसे विविध उपक्रम ने धूमधाम से मनाने का आवाहन अभियान की ओर से किया गया है. शालेय व महाविद्यालयीन अभ्यासक्रम में स्वामी के कार्यो के विषय में समावेश होने के लिए शासन स्तर पर प्रयास करने का निर्णय लिया. व्याख्यान माला, चित्रकला तथा वक्तृत्व स्पर्धा लेने का निर्णय लिया. उसी प्रकार सहिष्णुता व सामाजिक एकता के लिए विविध उपक्रम चलाए जाने का निर्णय लिया.
यह चिंतन संवाद शिविर का प्रास्ताविक संदीप तडस, सूत्र संचालन प्रफुल्ल कुकडे तथा आभार प्रदर्शन हरीश फुटनाईक ने किया. इस शिविर में जिले के व अन्य जिले के महानुभाव पंथीय व पंथीयेतर प्रतिनिधि उपस्थित थे.