कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच जरुरी
अमरावती/दि.29– आज के दौडभाग भरे जीवन में अधिकांश नागरिकों द्वारा अपने स्वास्थ्य की ओर अनदेखी की जाती है. इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिये जाने पर कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पडता है. इन दिनों उच्च रक्तदाब व शुगर जैसी बीमारियों के साथ ही कोलेस्ट्रॉल का बढना भी बेहद सामान्य हो गया है. व्यायाम के अभाव, खानपान में अनियमितता, शारीरिक हलचलों का अभाव तथा तैलिय पदार्थों के सेवन की वजह से शरीर में चरबी जमा होने लगती है. इसे ही कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है.
* कोलेस्ट्रॉल यानि क्या?
कोलेस्ट्रॉल एक तरह से शहर में पायी जाने वाले चरबी है, जो शरीर में कैल्श्यिम को सोखने में मदद करती है.
* शरीर में कितना हो कोलेस्ट्रॉल का स्तर?
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 120 मिली ग्राम डेसीलीटर से कम नहीं होना चाहिए, बल्कि 160 से 190 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर का प्रमाण पूरी तरह से योग्य है.
* कोलेस्ट्रॉल बढने पर क्या हो सकता है?
कोलेस्ट्रॉल बढने पर हृदय विकार व मज्जातंतू से संबंधित रोग व स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना होती है. ऐसे में जब शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढता है, तो स्वास्थ्य की समस्याएं शुरु होती है.
* कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण के लिए क्या करें?
नियमित व्यायाम, फल, हरी सब्जियां, संपूर्ण धान्य एवं प्रोटीन का समावेश रहने वाले संतुलित आहार को लेना काफी जरुरी है. साथ ही समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए.
* लिपीड प्रोफाइल टेस्ट कम करना जरुरी
कोलेस्ट्रॉल व लिपीड्स का स्तर पता करने हेतु लिपीड प्रोफाइल टेस्ट की जाती है. प्रत्येक निरोगी प्रौढ व्यक्ति ने भी हर पांच वर्ष के एक बार लिपीड प्रोफाइल टेस्ट जरुर करवाना चाहिए.
* अपने हृदय के स्वास्थ्य को संभालने हेतु कोलेस्ट्रॉल की समय-समय पर जांच करना बेहद आवश्यक है. इसके अलावा कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने हेतु खानपान पर ध्यान देना, नियमित व्यायाम करना तथा शारीरिक गतिविधियों में लिप्त रहना बेहद जरुरी है.
– डॉ. प्रफुल्ल कडू,
वरिष्ठ चिकित्सक.