अमरावती

अंकों के हिसाब से नहीं, अपनी पसंद के हिसाब से करिअर चुनें

ट्रेनर उमेश कोठारी का प्रतिपादन

* 10 वीं व 12 वीं के मेधावियों का किया मार्गदर्शन
* भारतीय जैन संगठन का आयोजन
अमरावती/दि.25– मौजूदा दौर में लगभग सभी माता-पिता अपने बच्चों के सर्वांगीण विकास तथा रूचि व रूझान की बजाय उसके अंकों को अधिक महत्व देते है और अपने बच्चों की क्षमता का आकलन करने की बजाय दूसरों के बच्चों की उपलब्धियों को देखते हुए अपने बच्चों को उनकी तरह ढालने का प्रयास करते है, ताकि उनके बच्चों का करिअर दूसरों के बच्चों की तरह बन पाये, लेकिन ऐसा करते समय वे यह भूल जाते है कि, हर बच्चे की अपनी योग्यता, क्षमता व रूचि होती है और उसे उस हिसाब से ही करिअर का चयन करने की छूट देने पर ही उस बच्चे के व्यक्तित्व का समग्र विकास हो पायेगा. इस आशय का प्रतिपादन काउंसिल ट्रेनर उमेश कोठारी द्वारा किया गया.
स्थानीय बडनेरा रोड स्थित दादावाडी जैन मंदिर भवन में गत रोज अपरान्ह 3.30 बजे भारतीय जैन संगठन द्वारा 10 वीं व 12 वीं के मेधावी छात्र-छात्राओं का सत्कार किया गया. इस अवसर पर 10 वीं व 12 वीं उत्तीर्ण बच्चों एवं उनके अभिभावकों का ‘करिअर गाईडन्स अबाउट एडमिशन प्रोसेस’ विषय पर मार्गदर्शन करते हुए काउंसिल ट्रेनर उमेश कोठारी ने उपरोक्त बात कही. इस समय उन्होंने कहा कि, इन दिनों ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनिअर व चार्टर्ड अकाउंटंट ही बनाना चाहते है. जबकि इसके अलावा भी करिअर बनाने हेतु ढेर सारे पर्याय उपलब्ध है. जिन्हें बच्चों द्वारा अपनी पसंद व रूचि के हिसाब से अपनाया जाना चाहिए, ताकि वे पूरा जीवन अपने कार्यक्षेत्र में जोश और आनंद के साथ काम कर सके.
भारतीय जैन संगठन के विदर्भ अध्यक्ष संजय आचलिया, सीए निलेशभाई लाठिया, साहित्यकार लता सिंघई, अभिनंदन पेंढारी, बीजेएस के शहराध्यक्ष जयेश कोठारी व सचिव सुभाष कोठारी की प्रमुख उपस्थिति में ट्रेनर उमेश कोठारी ने बताया कि, वे अब तक इस तरह के मार्गदर्शन कार्यक्रम के जरिये करीब 18 हजार से अधिक बच्चों की काउंसिलिंग कर चुके है और अल्पसंख्यक समाज से वास्ता रखनेवाले साढे चार हजार बच्चों को प्रवेश प्रक्रिया में सहायता उपलब्ध करायी है. जिनमें देश के अलग-अलग हिस्सों से वास्ता रखनेवाले विद्यार्थियों का समावेश रहा. इस समय उन्होंने यह भी कहा कि, पहले की तुलना में मौजूदा दौर की चुनौतियां काफी अलग है. ऐसे में किताब ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान भी बेहद आवश्यक है. इसके लिए विद्यार्थियों को ऐसे करिअर का चयन करना होगा. जिसके साथ वे किताबी ज्ञान के साथ-साथ तकनीकी प्रशिक्षण पूर्ण करते हुए अपने करिअर में आगे बढ सके.
इस अवसर पर प्रमुख अतिथी के तौर पर उपस्थित गणमान्यों ने भी अपने समयोचित विचार व्यक्त करते हुए कक्षा 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण समाज के सभी छात्र-छात्राओं का अभिनंदन किया और उन्हें भविष्य के लिहाज से अपनी शुभकामनाएं भी दी. इस कार्यक्रम में संचालन बीजेएस महिला विंग की रूपा कोठारी व जिज्ञा देसाई तथा आभार प्रदर्शन सुभाष राठी ने किया. इस समय उपस्थित गणमान्यों के हाथों कक्षा 12 वीं के हिर शाह, जयराम पडिया, यश सामरा, खुश दोशी, हर्ष लाढिया, वृध्दि जैन, प्राची भागवत, अनुराग गहाणकरी, यशस्वी कामदार, हर्षी बुच्चा, पर्व गोलेच्छा, रूपाली पचमिया, साहिल दोशी, पार्थ घरे, देवांश भंसाली, हर्षिता भंडारी, रिया बाफना, तनिषा आचलिया, ऋषभ देसाई, रिया दोशी, आदर्श गांधी, देव कटारिया, नंदानी चारडिया, मयंक कलावाडिया, दिया सेठ, अभियाष सकलेचा, वैभव भंसाली, श्रेणिक सकला व रिया गांधी तथा कक्षा 10 वीं के हर्षिता दोशी, रिशान येलवणकर, हितस्वी बुच्चा, अभिषेक मांडवगडे, पलक गांधी, पूर्वी कलावाडिया, प्रियंका कलावाडिया, केवल सुखाडिया, आर्यन मांडविया, मधुर सावलकर, पलक नहाटा, दिशांत जैन, पलक देसाई, अनुष्का देसाई आदि का प्रमाणपत्र देकर सत्कार किया गया.
इस आयोजन को सफल बनाने हेतु भारतीय जैन संगठन के स्थानीय अध्यक्ष जयेश कोठारी, सचिव सुभाष कोठारी, उपाध्यक्ष रतन भंसाली, मार्गदर्शक संजय जैन, कोषाध्यक्ष निरज मांडविया, जनसंपर्क अधिकारी अनिल मुणोत, सदस्य जिग्नेश देसाई, अमित शाह, रोमित पारेख, प्रसन्न गांधी, निलेश देसाई, दीपक देसाई, सीता सिंघवी, रोशन सुराणा, अजय बोकाडिया, बीजेएस महिला ईकाई हिना देसाई, संगीता गांधी, नेहा दोशी, स्वाती आचलिया, मीना कोठारी, वंशिका कोठारी, वारी कोठारी, कल्पेश देसाई, निमेश सांघानी, विनय दोशी, प्रवीण कोचर, जितेंंद्र गोलछा, हरीश गांधी, धर्मेंद्र मुणोत व परेश भंसाली आदि समाज बंधुओं ने महत प्रयास किये.

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