आदर्श शिक्षक व प्राध्यापकों को प्रशासक के रुप में चुने
मंगेश तायडे ने मुख्यमंत्री को दिया निवेदन
प्रतिनिधि/दि.२०
अमरावती – पालकमंत्री के भरोसे के नामों वाली सूची का प्रशासक के रुप में मुहर लगाना यानि सीधे तौर पर भ्रष्टाचार को न्यौता देना है. जिन शिक्षकों अथवा प्राध्यापकों का अब तक सरकार ने शैक्षणिक कामकाज के व्यरिक्त अन्य कामकाज के लिए उपयोग किया है उन शिक्षकों अथवा प्राध्यापकों को सरकार ने प्रशासक के रुप में मौका देना चाहिए. इस आशय की मांग पत्रकार मंगेश तायडे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निवेदन भेजकर की है. निवेदन में बताया गया है कि, प्रशासक केवल सरकारी अधिकारी व कर्मचारी ही रहना चाहिए. शिक्षक अथवा प्राध्यापक जैसे इमानदार व्यक्ति समाज में नहीं है. समाज को भ्रष्टाचार से दूर रखना शिक्षकों का पाठ रहता है. इसलिए ग्रामपंचायत के कामकाज में भी कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा. इसलिए शिक्षक जैसे उचित व्यक्ति की प्रशासक के रुप में नियुक्ति करना जरुरी है. हाल की घडी में जिला ग्रामपंचायत में जो प्रशासक के रुप में नियुक्त होने वाले है उनमें अधिकांश ग्रामपंचायत चुनाव में खडे रहने वाले उम्मीदवार है. जिन पार्टीयों की सत्ता उसी पार्टी का प्रशासक रहना तय होने से अन्य पार्टियोंं के उम्मीदवारों अथवा निर्दलियों को दरकिनार करने का प्रयास किया जाएगा. इसलिए सरकार ने तत्काल निर्णय बदलकर ग्रामपंचायतों में प्रशासक के तौर पर शिक्षक व प्राध्यापक की नियुक्ति करनी चाहिए और ग्रामपंचायत को भ्रष्टाचार से मुक्त रखने की मांग की गई है.