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अमरावती से बाहर भेजे गये चोरमले, ठाकरे, आठवले व लोंधे आएंगे वापिस

मैट के आदेश से गृह विभाग को झटका, 65 पीआई के तबादले रद्द

* बाहर से आये 8 पुलिस निरीक्षकों की दुबारा होगी उनके जिलों मेें वापसी
* 130 पुलिस निरीक्षकों के हुए थे तबादले, 45 पीआई गये थे मैट में
अमरावती /दि.5- आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राज्य के गृह विभाग ने बडे पैमाने पर पुलिस निरीक्षकों, सहायक पुलिस निरीक्षकों व पुलिस उपनिरीक्षकों के तबादले किये थे. जिसके तहत एक ही स्थान पर 3 से 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अथवा अपने गृह क्षेत्र में नियुक्ति रहने वाले अधिकारियों को अन्य जिलों में भेजा गया था. इसके तहत तबादला किये गये 130 पुलिस निरीक्षकों में से 45 पुलिस निरीक्षकों ने अपने तबादले को मैट ने चुनौति दी थी और दावा किया था कि, उन पर चुनाव आयोग की कोई भी शर्त कानूनी तौर पर लागू नहीं होती. इसके बावजूद भी उनका तबादला किया गया है. पश्चात मैट ने सभी तबादलों की समीक्षा करते हुए 65 पुलिस निरीक्षकों के तबादलें रद्द कर दिये है. जिसके चलते अब अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय से तबादले पर बाहर भेजे गये 4 पुलिस निरीक्षक एक बार फिर अमरावती वापिस लौटेंगे. वहीं बाहर से अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में तबादले पर आये 8 पुलिस निरीक्षकों की एक बार फिर उनके जिलों मेें वापसी होगी. ऐसी जानकारी सामने आयी है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती शहर से नागपुर भेजे गये पीआई आसाराम चोरमले, पीआई मनीष ठाकरे, पीआई राहुल आठवले व पीआई रेखा लोंधे इन 4 पुलिस निरीक्षकों का तबादला एक बार फिर अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय में किया गया है, जिनकी जल्द ही घर वापसी होगी. इसके अलावा शहर पुलिस आयुक्तालय में नागपुर से तबादला होकर पहुंचे पीआई भानुप्रताप मडावी, पीआई मनीष बनसोड, पीआई मनोहर कोटनाके, पीआई हरिदास मडावी, पीआई हनुमंत उरलागोंडवार, पीआई नंदा मनगाटे व पीआई कविता इसारकर को दोबारा नागपुर शहर पुलिस में वापिस भेजा जाएगा. साथ ही छत्रपति संभाजी नगर से आये पीआई हनुमंत गिरमे व ठाणे से आये पीआई सुखदेव पाटिल भी अपने-अपने शहर वापिस जाएंगे.

* फिर बदलेंगे शहर के 6 थानेदार
सोमवार को जारी हुई तबादला सूची के मुताबिक अमरावती शहर से 8 पुलिस निरीक्षकों को उनके मूल स्थान यानि 30 जनवरी 2024 को जहां से उनका तबादला हुआ था, वहां पर वापिस भेजा जाएगा. बाहर से आये इन 8 पुलिस निरीक्षकों में से 6 पुलिस निरीक्षकों को शहर के अलग-अलग पुलिस थानों का प्रभारी बनाया गया था. जिसके तहत पीआई मनीष बनसोड को फ्रेजरपुरा, पीआई नंदा मनगटे को खोलापुरी गेट, पीआई हनुमंत गिरमे को गाडगे नगर, पीआई मनोहर कोटनाके को सिटी कोतवाली, पीआई हनुमंत उरलागोडावार को नागपुरी गेट व पीआई कविता इसारकर को राजापेठ पुलिस का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन अब यह अधिकारी अपने-अपने शहर वापिस लौट जाएंगे. इसके चलते इन सभी 6 पुलिस थानों को अब नये थानेदार मिलेगे. विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती से बाहर भेजे गये पुलिस निरीक्षकों को अमरावती वापिस आने के बाद थानेदार के तौर पर नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी. जिसके चलते नये थानेदारों की नियुक्ति करने के साथ ही वापिस आने वाले पुलिस निरीक्षकों की पदस्थापना करने के लिए पुलिस आयुक्त नवीनचंद्र रेड्डी को अच्छी खासी माथापच्ची करनी पडेगी.

* वापिस आने वालों को दी जा सकती है साइड ब्रांच में तैनाती
पता चला है कि, दोबारा अमरावती आने वाले 4 अधिकारियों में से ज्यादातर अमरावती के ही स्थानीय निवासी है. जिसके चलते उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव के मद्दनेजर थाना प्रभारी नहीं बनाया जा सकता. साथ ही मुख्य विभाग मेें भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी जा सकती. ऐसे मेें उन्हें साइड ब्रांच में जगह देकर कामकाज सौंपा जाएगा.

* 2 माह बाद फिर तबादले का अंदेशा
इसी बीच एक ऐसी जानकारी भी सामने आयी है कि, अब जिन अधिकारियों के तबादले रद्द हुए है. उनका आगामी दो माह बाद जनरल ट्रान्सफर के तहत एक बार फिर तबादला हो सकता है. ऐसे में एक माह पहले ही अमरावती से बाहर तबादले पर भेजे जाने के बाद अब अमरावती वापिस भेजे जा रहे इन अधिकारियों द्वारा अमरावती में केवल दो माह तक ही सेवा दी जा सकेगी और दो माह बाद उन्हें एक बार फिर तबादले पर जाना पडेगा.

* कई पुलिस अधिकारी कर रहे कोर्ट जाने का विचार
उल्लेखनीय है कि, 30 जनवरी को ही केंद्रीय निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राज्य के गृह विभाग द्वारा राज्य के पुलिस अधिकारियों के तबादले किये गये थे. जिसके तहत एक ही स्थान पर 3 से 4 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अथवा अपने गृहक्षेत्र में नियुक्त रहने वाले पुलिस निरीक्षक, सहायक पुलिस निरीक्षक व पुलिस उपनिरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को अन्य जिलों में तबादले पर भेजा गया था. जिसके खिलाफ 45 पुलिस निरीक्षकों ने महाराष्ट्र सेवा प्राधिकरण यानि मैट में अपील की थी. जिसके चलते 65 पुलिस निरीक्षकों के तबादले रद्द करते हुए उन्हें उनकी पहले वाली आस्थापना में भेजा जा रहा है. जिसकी वजह से अब इन 65 पुलिस अधिकारियों को एक बार फिर इधर से उधर होना पडेगा. जबकि इस एक माह के दौरान कई पुलिस अधिकारियों ने नई नियुक्तिवाले स्थान पर अपना पदभार संभालने के साथ ही अपने परिवार को भी अपने साथ स्थलांतरीत कर लिया था और अपने बाल-बच्चों की पढाई-लिखाई से संबंधित इंतजाम भी नई नियुक्ति वाले स्थान पर कर लिये थे. वहीं अब उन्हें दोबारा स्थलांतरीत होकर अपने पुरानी नियुक्ति वाले शहर अथवा जिले में वापिस जाने की नौबत का सामना करना पडेगा. जो कई अधिकारियों के लिए काफी तकलीफदेह साबित होने वाला है. ऐसे में मैट के आदेश को कई पुलिस निरीक्षकों द्वारा अदालत अथवा निर्वाचन आयोग के समक्ष चुनौती देने का विचार किया जा रहा है, ऐसी जानकारी विश्वसनीय सूत्रों के जरिए सामने आयी है.

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