चुरणी ग्रामवासियों को जलसंकट कर करना पड रहा सामना
टैंकरों से क्यों नहीं की जा रही?

* नागरिक व महिलाओं ने किया सवाल
चिखलदरा/दि.26-ग्राम पंचायत प्रशासन की जलापूर्ति की ओर अनदेखी से तहसील के चुरणी गांव के लोगों को पिछले एक माह से पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि करना पड रहा है. गांव की जलापूर्ति योजना का कुआं सूख गया है. इसका असर जलापूर्ति पर पडा है. पिछले एक माह से पानी की कमी बनी हुई है. 10 से 12 दिन के अंतराल में जलापूर्ति हो रही है. ग्राम पंचायत द्वारा कोई इंतजाम नहीं किया नही जाने से चुरणी वासियों को पानी के लिए भटकना पड रहा है. गांव में जलसंकट निर्माण होने पर ग्राम पंचायत ने टैंकर द्वारा जलापूर्ति क्यों नहीं की? यह सवाल नागरिक व महिलाओं द्वारा किया जा रहा है. ग्रापं प्रशासन की लापरवाही के कारण चुरणी वासियों को पानी की समस्या से जूझना पड रहा है. नागरिकों की समस्या की ओर जनप्रतिनिधियों ने ध्यान केंद्रीत करने की मांग चुरणी ग्रामवासी कर रहे है. चुरणी में लगाए गए हैंडपंप में पानी नहीं. पानी की कमी कई कारणों से हो सकती है पानी की मांग आपूर्ति से अधिक हो सकती है पानी का बुनियादी ढांचा अपर्याप्त हो सकता है या ग्राम पंचायतें हर किसी की जरूरतों को संतुलित करने में विफल हो रही हैं. पानी की कमी एक बढती हुई समस्या है जो ग्रामीणों को सबसे अधिक प्रभावित करती है.
कब जागेगा ग्रापं प्रशासन?
चुरणी गांव में पिछले कई दिनों से पानी की भीषण समस्या निर्माण हुई है. गांव में 10 से 12 दिन के अंतराल में जलापूर्ति की जाती है. अपर्याप्त जलापूर्ति के कारण नागरिक व महिलाएं दूरदराज भटक रहे है. गांव में कुछ स्थानों पर पैसे देकर टैंकर का पानी खरीदना पड रहा है. गांव में भीषण जलसंकट गहराने पर ग्रापं प्रशासन का ध्यान नहीं. नागरिकों को हो रही समस्या को देखते हुए ग्राम पंचायत प्रशासन कब जागेगा? यह सवाल ग्रामवासी कर रहे है. गांव में टैंकर द्वारा जलापूर्ति की जाए, यह मांग जोर पकड रहीं है.
चुरणी गांव में निर्माण जलसंकट प्राकृतिक न होकर पूरी तरह कृत्रिम है. गांव में पर्याप्त जलस्त्रोत होकर भी नियोजन का अभाव है. इसके साथही सबसे बडा कारण ग्रामसेवक की लापरवाही व अनदेखी बताया जा रहा है. जिसको लेकर शिकायतें भी की गई है. किंतु अनेदखी की जा रही है. भाजपा के स्थानीय प्रतिनिधि के रूप में हमने समय-समय पर आवाज उठायी है, ज्ञापन दिए है, लेकिन अब तक काई ठोस कार्यवाही नहीं हुई. इसलिए हमने सरकार से मांग की है कि, जल्द से जल्द टैंकर द्वारा नियमित जलापूर्ति शुरु करें और जलस्त्रोंतों का सुधार कार्य कर दीर्घकालीन योजनाएं चलाएं. ग्रामवासियों के पानी के अधिकार के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा.
-आलोक अलोकार, जिला सचिव,
भाजयुमा, अमरावती