अमरावती/दि.22– फसल कर्ज के लिए पुन: राष्ट्रीयकृत बैंक द्बारा सिबिल स्कोअर देखा जा रहा है. प्रत्यक्ष में उपमुख्यमंत्री तथा जिले के तत्कालीन पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गत वर्ष के सीजन में बैंक को फटकारा था. इस बार फिर से बैंक ने ऐसा व्यवहार शुरू किए जाने से किसानों को साहूकार की सीढिया चढनी पड रही है.
गत वर्ष के सीजन के पूर्व ही राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति का (एसएलबीसी) निर्णय होने के बाद सभी बैंकों को वैसा सूचित किया गया था. इसके अलावा जिले के तत्कालीन पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 9 मई को जिला बैठक में बैंक को निर्देश दिए थे. जिसके कारण इस व्यवहार को कुछ मामले में प्रतिबंध लगाया. उसके बाद इस बार खरीफ सीजन के लिए किसान फसल कर्ज की मांग कर रहे हैं. इस समय बैंक द्बारा किसानों के सिबील स्कोर जांच कर रहे हैं. इसमें 650 से कम होने पर बैंक कर्ज देने से इंकार कर रहा है, ऐसा किसानों का आरोप है. अडचन के समय ऐसा किसान ने फायनान्स का कर्ज लेने के बाद कर्ज की किस्त भरने को देर होने पर उसका परिणाम उनकी सिबील स्कोर पर था. बैंक द्बारा जांच करने के बाद संबधित किसानों का कर्ज देने से इंकार किए जाने की किसानों की शिकायतें है.
* मल्टिफायनान्स नहीं इसलिए स्कोर की जांच
किसानों ने अन्य वित्तीय संस्था की ओर से कर्ज लिया है. किसान उस संस्था का बकायादार है क्या, इसकी जांच करने के लिए संबंधित बैंक की ओर से किसानों का सिबिल स्कोर देखे जाने की जानकारी अग्रणी बैंक के जिला व्यवस्थापकों ने दी. 1.60 लाख तक मॉर्गेज करने की आवश्यकता न होने का उन्होंने कहा.
फसल कर्ज देते समय सिबिल स्कोर की जांच की जाती है. एक से अधिक संस्था की ओर से कर्ज लिया है कि इसकी जांच की जाती है. किसानों को नियमित रूप से कर्ज उपलब्ध था
– श्याम शर्मा,
जिला व्यवस्थापक,
अग्रणी बैंक
बैंक फसल कर्ज के लिए हर बार नई नई शर्त लगाती है. दो वर्षो से सिबील स्कोर दिखाया जाने से किसानों को फसल कर्ज मिलने में अडचने निर्माण हो रही है. शासन को यह शर्त रद्द करना पडेगा.
– अशोक वानखडे, किसान