अमरावतीमहाराष्ट्र

अनियमित जलापूर्ति से त्रस्त पिंपलोद के नागरिक बैठे अनशन पर

10-12 दिन के अंतराल में की जा रही है जलापूर्ति

* नियमित व शुद्ध जलापूर्ति करने की मांग
दर्यापुर/दि.24-तहसील के पिंपलोद गांव में विगत दो साल से 10 से 12 दिन के अंतराल में जलापूर्ति की जा रही है. पानी नहीं मिलने से नागरिकों के साथ-साथ पशु भी बेहाल हो रहे हे. नागरिकों पर पानी खरीदने की नौबत आ गई है. मजीप्रा की लापरवाह कार्यप्रणाली का खामियाजा नागरिक भुगत रहे है. पिंपलोद वासियों को नियमित व शुद्ध जलापूर्ति नहीं की गई तो बेमियादी अनशन करने की चेतावनी नागरिकों ने दी थी. बावजूद इसके कोई कदम नहीं उठाए जाने से त्रस्त नागरिकों ने मजीप्रा कार्यालय के सामने आज से बेमियादी अनशन शुरु किया है.
पिंपलोद गांव खारेपानी पट्टे में आने से जमीन का पानी पीने योग्य नहीं है. जिसके कारण यहां के नागरिकों को शहानुर बांध से की जानेवाली जलापूर्ति पर निर्भर रहना पडता है. परंतु अनियमित जलापूर्ति के साथ ही जगह-जगह लीकेज से अशुद्ध व दूषित जलापूर्ति यहां के नागरिकों को की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों के पास जलसंग्रह की क्षमता कम रहने से वे पर्याप्त पानी नहीं भर सकते. तथा कृषि व्यवसाय रहने से किसानों के पशुओं को भी पानी की आवश्यकता होती है. इतने पानी का संग्रह कैसे करें, यह समस्या किसानों व पशुपालकों के समक्ष निर्माण हो गई है. अनियमित जलापूर्ति होने से नागरिकों में रोष निर्माण हो रहा है. पानी की समस्या को लेकर कई आंदोलन किए गए तथा मजीप्रा को ज्ञापन भी दिए गए, लेकिन अब तक इस समस्या पर ध्यान केंद्रीत नहीं किया गया. प्राधिकरण के अधिकारियों को इस बारे में पूछने पर वे फोन नहीं उठाते, और ना हीं वे कार्यालय में उपलब्ध रहते, ऐसा नागरिकों ने बताया. अनियमित व दूषित जलापूर्ति से त्रस्त होकर अनशन आरंभ किया. अनशनकर्ताओं ने मांग की है कि, पिंपलोद में एक दिन के अंतराल में जलापूर्ति की जाए, श्रमिक वर्ग ज्यादा रहने से जलापूर्ति का समय निश्चित करें, दो साल से तकलीफ देने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, आदि मांगे पिंपलोद वासियों ने की है.

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