अंबुजा सीमेंट कारखाने को नागरिकों का विरोध
महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल की जनसुनवाई में नागरिक आक्रामक

अमरावती /दि.29– समिपस्थ चांदुर रेलवे तहसील अंतर्गत मालखेड में 6 एमएमटीपीए (2 बाय 3 एमएमटीपीए) क्षमता के साथ सीमेंट उत्पादन सहित स्टैंड अलोन ब्रेंडींग यूनिट के प्रस्तावित ग्रीन फिल्ड प्रकल्प को पर्यावरणीय अनुमति मिलने हेतु महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अमरावती-1 उपप्रादेशिक कार्यालय द्वारा गत रोज जनसुनवाई आयोजित की गई थी. जिसमें निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर व चांदुर रेलवे की तहसीलदार पूजा माटोडे सहित महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी उपस्थित थे.
इस जनसुनवाई हेतु चांदुर रेलवे तहसील के मालखेड, धानोरा, दहीगांव, लालखेड, काठियावाडी हेटी, अमरावती तहसील के उद्खेड, कस्तुरा, मोगरा, पार्डी, वडगांव जिरे व नांदगांव खंडेश्वर तहसील के म्हसला व एरंडगांव आदि गांवों के नागरिकों को जनसुनवाई हेतु बुलाया गया था. परंतु कुछ चुनिंदा गांवों के नागरिकों की ही इस जनसुनवाई में उपस्थिति रही. जिन्होंने इस सीमेंट कारखाने से होनेवाले वायु, ध्वनी, जल व मृदा प्रदूषण के संदर्भ में प्रश्न उपस्थित करने के साथ ही सीमेंट कारखाने के आसपास स्थित खेतों की उपज क्षमता के घटने की संभावना को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की.
* पानी कहां से आएगा?
पहले ही भीषण जलकिल्लत का सामना इस परिसर के गांवों द्वारा किया जा रहा है. ऐसे में कारखाने हेतु पानी की जबरदस्त जरुरत को कैसे पूरा किया जाएगा, इस सवाल पर कंपनी के अधिकारियों ने नियमानुसार व कंपनी के कानून अनुसार व्यवस्था करने का गोलमोल जवाब दिया. उपस्थित नागरिकों को कंपनी के सीएसआर फंड से गांव के विकास के बारे में आश्वासित भी किया गया. साथ ही यह भी बताया गया कि, अत्याधुनिक मशीनों का प्रयोग किए जाने की वजह से किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होगा.
* संमिश्र प्रतिसाद
इस समय कुछ नागरिकों ने स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने की मांग की. वहीं कुछ लोगों ने इस कारखाने का स्वागत किया. साथ ही कुछ लोगों का कहना रहा कि, वे चाहे कितना ही विरोध क्यों न कर लें, लेकिन इस कारखाने को इस परिसर में आने से रोक नहीं सकेंगे. साथ ही इस कारखाने में बडे पैमाने पर परप्रांतियों की भर्ती करते हुए स्थानीय लोगों से उनका रोजगार भी छीना जाएगा.
* मीडिया की अनदेखी
इस जनसुनवाई के दौरान निवासी उपजिलाधीश अनिल भटकर ने उपस्थितों द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों को प्रोसिडिंग में लिखने का निर्देश दिया. जिस पर कंपनी आगे चलकर क्या निर्णय लेती है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है. वहीं इस जनसुनवाई हेतु मीडिया को आमंत्रित नहीं किए जाने के चलते नागरिकों में अच्छा-खासा रोष व असंतोष दिखाई दिया.