अमरावती

कोविड त्रिसूत्री का कडाई से पालन करें शहरवासी

निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने किया आवाहन

  • मनपा अधिकारियों के साथ की कोविड प्रतिबंधात्मक उपायों की समीक्षा

अमरावती/दि.7 – इस समय अमरावती शहर में कोविड की संक्रामक महामारी का संक्रमण एक बार फिर फैलता दिखाई दे रहा है. ऐसे में बीमारी से बचे रहने हेतु यह बेहद जरूरी है कि, सभी शहरवासियों ने मास्क, सैनिटाईजर व सोशल डिस्टंसिंग जैसे कोविड त्रिसूत्री नियमोें का कडाईपूर्वक पालन करने के साथ ही अनिवार्य तौर पर टीकाकरण करवाना चाहिए. इस आशय का आवाहन निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर द्वारा किया गया. साथ ही उन्होंने मनपा प्रशासन को कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों पर कडाई के साथ अमल करने का निर्देश भी जारी किया.
गत रोज निगमायुक्त प्रवीण आष्टीकर ने अपने दालान में मनपा के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विभाग सहित अन्य प्रमुख अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की. जिसमें उपरोक्त आवाहन व निर्देश जारी करने के साथ ही निगमायुक्त आष्टीकर ने बताया कि, शहर में इस समय शत-प्रतिशत टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही अब 15 से 18 वर्ष आयु गुट के किशोरवयीनों के टीकाकरण हेतु मनपा की ओर से शहर की विविध शालाओं में टीकाकरण सुविधा उपलब्ध करायी गई है. साथ ही साथ मनपा के स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य स्थानों पर भी टीकाकरण केंद्र की सुविधा उपलब्ध है, ताकि अधिक से अधिक किशोरवयीनों का टीकाकरण किया जा सके. इसके साथ ही 18 वर्ष से अधिक आयुवाले पात्र लाभार्थियों ने भी कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का पहला व दूसरा डोज जल्द से जल्द लगवा लेना चाहिए. कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन को लेकर फैली तमाम तरह की गलतफहमियों व भ्रांतियों को सिरे से खारिज करते हुए निगमायुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर ने कहा कि, कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और नागरिकों ने किसी भी तरह की अफवाह पर विश्वास न करते हुए अपना टीकाकरण करवाना चाहिए. साथ ही तय समय के भीतर वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लेने चाहिए क्योंकि टीकाकरण करवा चुके व्यक्ति के कोविड संक्रमित होने का प्रमाण काफी कम होता है. साथ ही संक्रमण की चपेट में आने पर भी मौत होने की संभावना भी घट जाती है.
इसके साथ ही निगमायुक्त आष्टीकर ने यह भी कहा कि, शहर में इन दिनों जगह-जगह पर थ्रोट स्वैब सैम्पलों के संकलन हेतु कोविड टेस्टिंग सेंटर स्थापित किये गये है. अत: यदि किसी भी व्यक्ति में कोविड संक्रमण के कोई लक्षण दिखाई देते है, तो उन्होंने तुरंत ही अपनी आरटीपीसीआर या रैपीड एंटीजन टेस्ट करवानी चाहिए. साथ ही रिपोर्ट के पॉजीटीव आने पर बिना घबराये शहर में विभिन्न स्थानों पर तैयार किये गये आयसोलेशन सेंटर में इलाज हेतु भरती हो जाना चाहिए.

बुजुर्गों, बीमारों, छोटे बच्चों व गर्भवती महिलाओं का रखे विशेष ध्यान

इस समीक्षा बैठक में निगमायुक्त आष्टीकर ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा दी गई रिपोर्ट के हवाले से कहा कि, कोविड संक्रमण की बीमारी के लक्षण प्रमुख रूप से श्वसन संस्था से संबंधित होते है, जो इंफ्ल्यूएंझा नामक बीमारी के समान होते है. इसके तहत मरीज में सर्दी-खांसी व निमोनिया सहित सांस लेने में तकलीफ होने के लक्षण दिखाई देते है. साथ ही कोविड वायरस का संक्रमण छींकने व खांसने की वजह हवा के जरिये तथा हस्तांदोलन की वजह प्रत्यक्ष संपर्क के जरिये फैलता है और जिन लोगों की रोग प्रतिकारक क्षमता कम होती है, उनके शरीर में यह वायरस बडी तेजी से अपना असर दिखाता है. ऐसे में बीमार व्यक्तियों, बुजुर्गों, छोटे बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए और उन्हें बाहरी लोगों के संपर्क में आने से बचाया जाना चाहिए. इसके लिए बेहद जरूरी यह भी है कि, घर के अन्य सदस्य भी बेवजह बाहर भीडभाड में न जाये और बेहद जरूरी होने पर बाहर जाते समय मास्क, सैनिटाईजर व सोशल डिस्टंसिंग से संबंधित कोविड त्रिसूत्री के नियमों का कडाई पूर्वक पालन करें.

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